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बांग्लादेश में सेना की सीधी चेतावनी, भारत का कड़ा रुख...3 महीने में कैसे ढीले पड़ गए यूनुस के तेवर!

बांग्लादेश में गहराता सियासी संकट, सेना की सख्ती और भारत के दबाव से कमजोर पड़े मोहम्मद यूनुस
11:51 AM May 23, 2025 IST | Avdesh
बांग्लादेश में गहराता सियासी संकट, सेना की सख्ती और भारत के दबाव से कमजोर पड़े मोहम्मद यूनुस

India Bangladesh Relation:बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अस्थिरता के कगार पर है, और सूत्रों के अनुसार, यूनुस इस्तीफे पर विचार कर रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने यूनुस को दिसंबर तक राष्ट्रीय चुनाव कराने की चेतावनी दी है।

इसके अलावा, अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हिंसा और अन्य मुद्दों को लेकर यूनुस सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। यह संकट भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और (India Bangladesh Relation)अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के तीन महीने बाद सामने आया है। आइए समझते हैं कैसे बांग्लादेश वर्तमान में एक बुरे दौर से गुजर रहा है।

हिंदू समुदाय पर हमले...भारत का कड़ा विरोध

बता दें कि अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन और हिंसक प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था। इस आंदोलन में 600 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी, लेकिन उनके शासनकाल में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़े, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया।

यूनुस पर भारत के खिलाफ साजिश रचने के भी आरोप लगे हैं। इस साल फरवरी में पीएम मोदी ने अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने बांग्लादेश के हालात पर चिंता जताई।

ट्रंप ने इस मुद्दे पर अमेरिका की किसी भी भूमिका से इनकार करते हुए कहा, “हमारा डीप स्टेट इसमें शामिल नहीं है। यह मामला पीएम मोदी के नेतृत्व में है, और मैं इसे उनके हवाले करता हूं।”

यूनुस दे सकते हैं पद से इस्तीफा!

बीबीसी बांग्ला सर्विस के अनुसार, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता निद इस्लाम ने बताया कि 22 मई की सुबह से यूनुस के इस्तीफे की खबरें सामने आ रही हैं।

इस्लाम ने यूनुस से मुलाकात के बाद कहा, “उन्होंने बताया कि वह इस्तीफे पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि राजनीतिक दलों के बीच सहमति न होने से वह काम नहीं कर पा रहे।” इस्लाम ने यह भी कहा कि अगर यूनुस प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते, तो उनके पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।

सेना ने दे दी स्पष्ट चेतावनी

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने यूनुस को स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा, “सेना राष्ट्रीय हितों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगी और न ही किसी को ऐसा करने देगी। सभी निर्णय राजनीतिक सहमति के आधार पर होने चाहिए।” यह बयान यूनुस के लिए संकेत है कि वह मनमानी नहीं कर सकते।

खटाई में पड़े भारत-बांग्लादेश संबंध!

शेख हसीना के भारत भागने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हमलों ने स्थिति को और जटिल किया है।

हसीना को सत्ता से हटाने में सेना की भूमिका रही थी, और अब वही सेना यूनुस सरकार को चेतावनी दे रही है। इस संकट ने क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और भारत इस मुद्दे पर करीबी नजर रखे हुए है।

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