CBDT का ऐतिहासिक फैसला, टैक्सपेयर्स को 4 साल तक मिलेगी छूट...जानिए क्या है ये बड़ी खुशखबरी
Income Tax Update: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वालों के लिए एक बहुत बड़ी और राहत भरी खबर आई है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म, यानी ITR-U, को नए बदलावों के साथ नोटिफाई कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि अब टैक्सपेयर्स को अपनी पुरानी ITR में हुई गलतियों को सुधारने या भूली हुई आय को घोषित करने के लिए पहले से दोगुना समय मिलेगा! जी हां, यह समय सीमा 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने (यानी 4 साल) कर दी गई है। (Income Tax Update) नए नियम बजट 2025 में किए गए ऐलानों के आधार पर तैयार किए गए हैं और 1 अप्रैल 2025 से लागू भी हो चुके हैं। तो चलिए जानते हैं कि इस बड़े बदलाव का आप पर क्या असर पड़ेगा, पेनल्टी के नए स्लैब क्या हैं, और किन बातों का आपको ध्यान रखना होगा।
जानिए कौन फाइल कर सकेगा ITR-U?
ITR-U फॉर्म ऐसे लोगों के लोगों के लिए है जो अपना मूल टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए...या उन्होंने अपनी इनकम को लेकर गलत जानकारी दी या टैक्स दर गलत बताई या आमदनी का गलत प्रकार चुन लिया है। यह फॉर्म टैक्सपेयर्स को अपनी गलतियों को सुधारने का मौका देता है। लेकिन इसका यूज पहले बताई गई आमदनी को कम करने या रिफंड मांगने के लिए नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ एक्सट्रा इनकम की जानकारी देने या गलतियों को ठीक करने के लिए है।
कैसे फाइल करें ITR-U?
नए नियमों के तहत ITR-U फॉर्म को असेस्मेंट ईयर खत्म होने के बाद ही दाखिल किया जा सकता है। टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अगर यह तारीख छूट जाए तो 31 दिसंबर तक देरी से रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। इसके बाद, ITR-U फॉर्म ही विकल्प बचता है। उदाहरण के लिए FY 2024-25 के लिए बेसिक रिटर्न 31 जुलाई, 2025 तक फाइल करना होगा। अगर यह छूट जाए तो 31 दिसंबर 2025 तक और यदि यह भी पता नहीं चले तो 1 अप्रैल, 2026 से ITR-U दाखिल किया जा सकता है। फॉर्म फाइल करते समय टैक्सपेयर को ड्रॉप-डाउन मेन्यू से अवधि का चुनाव करके रिटर्न को वेरिफाई करना जरूरी होगा।
जानिए जुर्माना और टाइम लिमिट
ITR-U दाखिल करने पर जुर्माना लगेगा, जो कि इस पर निर्भर करता है कि रिटर्न कितनी जल्दी दाखिल किया गया. पहले साल में दाखिल करने पर 25% अतिरिक्त टैक्स और ब्याज लगता है। इसे यदि आप दूसरे साल में फाइल करते हैं तो 50% एक्सट्रा टैक्स और ब्याज लगेगा। यही तीसरे साल में बढ़कर 60% टैक्स और ब्याज हो जाती है।
इसी तरह चौथे साल में 70% अतिरिक्त टैक्स और उस पर ब्याज देना होगा। यह पेनाल्टी सिस्टम टैक्सपेयर्स को जल्दी गलतियां सुधारने के लिए प्रोत्साहित करता है। फाइनेंस एक्ट 2025 ने सेक्शन 139(8A) में बदलाव किया, जिसके तहत ITR-U फाइल करने की टाइम लिमिट 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने कर दी गई है। यह बदलाव टैक्स फाइलिंग को आसान और सटीक बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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