UPSC में 31वीं रैंक, पहले IRS फिर बनीं IAS… कौन हैं फौजिया तरन्नुम जिन्हें BJP नेता ने पाकिस्तानी बताया
IAS Fauzia Tarannum: कर्नाटक के कलबुर्गी में डिप्टी कमिश्नर (डीसी) के पद पर तैनात 2014 बैच की IAS अधिकारी फौजिया तरन्नुम पर बीजेपी एमएलसी एन रविकुमार ने विवादास्पद बयान दिया है। रविकुमार ने एक रैली के दौरान फौजिया को 'पाकिस्तानी' कहकर संबोधित किया, जिसके बाद सियासी विवाद खड़ा हो गया।
इस टिप्पणी के खिलाफ फौजिया के समर्थन में IAS एसोसिएशन ने बयान (IAS Fauzia Tarannum)जारी कर निंदा की और उन्हें साफ छवि वाला अधिकारी बताया। इस मामले में बीजेपी नेता के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
कौन है IAS फौजिया तरन्नुम?
फौजिया तरन्नुम का जन्म 2 अप्रैल 1992 को बेंगलुरु, कर्नाटक में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा बेंगलुरु में पूरी की और TCS में एनालिस्ट के रूप में काम किया। एक साक्षात्कार में फौजिया ने बताया कि 2010 में नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की।
2011 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और 307वीं रैंक के साथ IRS में चयन हुआ। अगले साल फिर से परीक्षा दी, लेकिन रैंक में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद नागपुर में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें अपने गृहनगर बेंगलुरु में तैनाती मिली।
UPSC 2014 में मिली 31वीं रैंक
2014 में फौजिया ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 31वीं रैंक हासिल की। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि IRS के रूप में काम करते समय उन्हें IAS और IRS के कार्यक्षेत्र में अंतर का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने आखिरी प्रयास में परिवार के समर्थन से UPSC परीक्षा पास की और IAS बन गईं।
उनकी पहली तैनाती से लेकर अब तक उनकी छवि बेदाग रही है। इस साल जनवरी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें लोक प्रशासन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। वह यह पुरस्कार पाने वाले 22 अधिकारियों में शामिल थीं।
MBA में है गोल्ड मेडलिस्ट
फौजिया ने बेंगलुरु के बिशप कॉटन गर्ल्स हाईस्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद ज्योति निवास कॉलेज, बेंगलुरु से बीकॉम किया, जहां वे विश्वविद्यालय में पांचवें स्थान पर रहीं। उन्होंने क्राइस्ट कॉलेज, बेंगलुरु से फाइनेंस में MBA किया और गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके अलावा उनके पास सस्टेनेबल डेवलपमेंट में डिप्लोमा भी है।
बीजेपी नेता ने क्या कहा जिससे हुआ विवाद?
बीजेपी एमएलसी एन रविकुमार ने कलबुर्गी की डीसी फौजिया तरन्नुम पर आरोप लगाया कि जिला प्रशासन कांग्रेस के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने कहा, "डीसी किसी की नहीं सुनतीं, जो कांग्रेस कहती है, वही करती हैं। मुझे नहीं पता कि वे कलबुर्गी की डीसी हैं या पाकिस्तान से आई हैं।"
इस बयान ने विवाद को जन्म दिया और IAS एसोसिएशन सहित कई पक्षों ने इसकी कड़ी निंदा की। इस मामले ने कर्नाटक की सियासत में हलचल मचा दी है, और बीजेपी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
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