नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

क्या सच में अलग-अलग टुकड़ों में रखा जाता है परमाणु बम? जानें कैसे होता है इस्तेमाल

परमाणु बम को टुकड़ों में क्यों रखते हैं? ये कैसे काम करता है? हिरोशिमा से जार बॉम्बा तक, जानिए न्यूक्लियर बम की पूरी कहानी आसान हिंदी में। सिक्योरिटी से लेकर चेन रिएक्शन तक सब कुछ समझें!
02:02 PM May 14, 2025 IST | Girijansh Gopalan
परमाणु बम को टुकड़ों में क्यों रखते हैं? ये कैसे काम करता है? हिरोशिमा से जार बॉम्बा तक, जानिए न्यूक्लियर बम की पूरी कहानी आसान हिंदी में। सिक्योरिटी से लेकर चेन रिएक्शन तक सब कुछ समझें!

आजकल परमाणु बम को लेकर खूब चर्चा हो रही है। हाल ही में एयर मार्शल अवधेश भारती ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए रामचरित मानस की लाइन “भय बिनु होय न प्रीत” छेड़कर पाकिस्तान पर तंज कसा। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान की फौज का आतंकवाद से गहरा रिश्ता है और वो सरकार के कंट्रोल में भी नहीं है। ऊपर से पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दो टूक कहा कि पाकिस्तान की परमाणु धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन इन सबके बीच एक सवाल जो हर किसी के दिमाग में है - ये परमाणु बम आखिर रखते कैसे हैं? क्या ये सचमुच टुकड़ों में स्टोर होता है? और ये काम कैसे करता है?

परमाणु बम को टुकड़ों में क्यों रखते हैं?

जी हां, आपने सही सुना! परमाणु बम को एकदम पूरा का पूरा इकट्ठा नहीं रखा जाता। इसे दो या उससे ज्यादा हिस्सों में बांटकर स्टोर किया जाता है। ऐसा इसलिए ताकि सिक्योरिटी टाइट रहे और कोई हादसा न हो। मान लीजिए, गलती से कोई एक हिस्सा खराब हो जाए या चोरी हो जाए, तो भी बाकी हिस्से सुरक्षित रहें। ये थोड़ा वैसा ही है जैसे आप अपनी तिजोरी की चाबी और ताला अलग-अलग जगह रखते हैं।

इसके अलावा, टुकड़ों में रखने से बम को कंट्रोल करना आसान हो जाता है। अगर बम को कहीं ले जाना हो, तो इसके हिस्सों को अलग-अलग ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। इससे रिस्क कम होता है। बम का एक खास हिस्सा होता है, जिसे पिट (गड्ढा) कहते हैं। ये हिस्सा यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 से बनता है और बम के विस्फोट का मेन पार्ट होता है। इसे तब तक अलग रखा जाता है, जब तक बम को एक्टिव करने का फाइनल ऑर्डर न आए।

परमाणु बम कितना ताकतवर होता है?

परमाणु बम की ताकत को टीएनटी (एक तरह का विस्फोटक) के टन में मापा जाता है। मिसाल के तौर पर, हिरोशिमा पर गिराया गया बम 15 किलोटन का था, यानी 15,000 टन टीएनटी जितनी ताकत। वहीं, रूस का जार बॉम्बा 50 मेगाटन का था, यानी 50 मिलियन टन टीएनटी की बराबरी! ये ताकत इतनी कि पूरी दुनिया में तबाही मचा सकती है।

परमाणु बम काम कैसे करता है?

अब आते हैं असली सवाल पर - ये बम काम कैसे करता है? परमाणु बम न्यूक्लियर फिशन यानी नाभिकीय विखंडन से बनता है। आसान भाषा में कहें, ये एक ऐसा हथियार है जो परमाणुओं को तोड़कर जबरदस्त एनर्जी रिलीज करता है।

कहानी कुछ यूं है: जब एक न्यूट्रॉन (परमाणु का छोटा सा कण) यूरेनियम या प्लूटोनियम जैसे रेडियोएक्टिव मटेरियल के परमाणु से टकराता है, तो वो परमाणु दो हिस्सों में टूट जाता है। इस टूटने की प्रक्रिया में दो-तीन और न्यूट्रॉन निकलते हैं, जो दूसरे परमाणुओं से टकराते हैं। ये सिलसिला चेन रिएक्शन की तरह चलता है और पलभर में इतनी एनर्जी बनती है कि भयानक विस्फोट हो जाता है।

क्यों जरूरी है सावधानी?

परमाणु बम इतना खतरनाक है कि इसे बनाने, स्टोर करने और इस्तेमाल करने में जरा सी चूक भी भारी पड़ सकती है। इसीलिए इसे टुकड़ों में रखा जाता है, ताकि कोई अनजाने में भी इसे एक्टिव न कर दे। साथ ही, इसे ऐसी जगह स्टोर किया जाता है जहां सिक्योरिटी इतनी टाइट होती है कि परिंदा भी पर न मार सके।

ये भी पढ़ें:सोवियत संघ का टूटना: कैसे और क्यों बिखर गया दुनिया का सुपरपावर?

 

Tags :
Hiroshima bombhow nuclear bomb worksIndia Pakistan nuclear threatnuclear bombnuclear bomb storagenuclear fissionnuclear weapon safetyplutonium 239Tsar Bombauranium-235ज़ार बॉम्बापरमाणु बमपरमाणु बम कैसे काम करता हैपरमाणु बम भंडारणपरमाणु विखंडनपरमाणु हथियार सुरक्षाप्लूटोनियम 239भारत पाकिस्तान परमाणु खतरायूरेनियम-235हिरोशिमा बम

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article