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भारत में कब तक रहेंगी शेख हसीना? जानिए अब तक क्यों किसी देश में नहीं मिला शरण

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई देश राजनीतिक शरण नहीं दे पाया है।
05:00 PM Nov 21, 2024 IST | Girijansh Gopalan
शेख हसीना

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। वहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बीते साल 5 अगस्त को बांग्लादेश से भागकर भारत आई थी। भारत आने के 3 महीने बाद भी शेख हसीना को अभी तक किसी और देश में शरण नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने कई देशों में राजनीतिक शरण लेने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी।

ब्रिटेन से मांगा था शरण

बता दें कि शेख हसीना ने सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम से शरण से मांगी थी। लेकिन खबरों के मुताबिक यूनाइटेड किंगडम ने आव्रजन कानून की तकनीकी बातों का हवाला देते हुए उनके शरण अनुरोध के बारे में हिचकिचाहट जाहिर की थी। वहीं अमेरिका ने उन्हें शरण देने को सिरे से खारिज कर दिया है। यूनाइटेड स्टेट्स ने तो उनका वीजा ही रद्द कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन ने शेख हसीना के शरण अनुरोध को कई कारणों से अस्वीकार किया था।

ब्रिटेन के कानून

जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन के आव्रजन कानून में यह प्रावधान है कि शरण चाहने वाले व्यक्तियों को देश के भीतर से ही आवेदन करना होता है। वहीं शरण के दावों पर आमतौर पर तभी विचार किया जाता है, जब कोई व्यक्ति कानूनी रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करता है, जो हसीना ने नहीं किया है। क्योंकि वह पहले भारत आ गई थी।

भारत में कब तक मिल सकती है शरण

शेख हसीना जब भारत आई थी, तब भारत सरकार को भी लगा था कि उनका प्रवास अस्थायी होगा। इसके बाद उन्हें किसी देश में राजनीति शरण मिल जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं है। वहीं भारत बांग्लादेश के साथ अपने राजनयिक संबंधों को आगे बढ़ा रहा है। ढाका में अंतरिम सरकार और भारत के साथ उसकी बिजली भेजने के लिए अपना ग्रिड देने का एक समझौता भी हुआ है। भारत चाहता है कि बांग्लादेश के साथ उसके संबंध सामान्य बना रहे। ऐसे में भारत और बांग्लादेश के संबंधों और विदेशी नीतियों पर निर्भर करता है कि शेख हसीना भारत कब तक रह सकती हैं।

शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग

बता दें कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की भी मांग की है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोपों के तहत इंटरपोल की मदद लेने की योजना जरूर बनाई है। दरअसल उनकी सरकार पर छात्र आंदोलनों के दमन और बड़े पैमाने पर हिंसा के आदेश देने का आरोप है, जिसके दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी।हालांकि अब तक बांग्लादेश ने आधिकारिक तौर पर शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने या वापस बांग्लादेश भेजने का कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं किया है। जानकारी के मुताबिक अगर कोई अनुरोध आया है, तो वो भारत की कानूनी प्रक्रियाओं और प्रत्यर्पण संधियों पर भी निर्भर करेगा। लेकिन ये बात सही है कि शेख हसीना के लिए अब भारत में रहना कठिन होगा।

 

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