पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाला ऑपरेशन सिंदूर... जानिए असली दोस्त इजरायल ने भारत की कैसे मदद की?
अंतर्राष्ट्रीय। आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गये ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच ड्रोन युद्ध देखने को मिला। पाकिस्तान ने तुर्की से बने ड्रोन से भारत पर हमला कर इस युद्ध की शुरूआत की थी, जिसके खिलाफ भारत ने भी जमकर ड्रोन से लड़ाई लड़ी। पाकिस्तान ने बाद में आरोप लगाया था कि भारत उसके खिलाफ इजरायली ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।
आज द टाइम्स ऑफ इजरायल में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे इजरायली ड्रोन ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत के हमलों को सटीक तरह से अंजाम देकर भारत और इजरायल के विकसित होते डिफेंस संबंध को और मजबूत कर दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक देश, जो खुलकर हर तरह की मदद देने के लिए भारत को तैयार था, वो इजरायल था।
इजराइल में छपी रिपोर्ट
टाइम्स ऑफ इजरायल ने लिखा है कि 'पाकिस्तान के खिलाफ अपने हालिया सीमा पार हमलों में भारत द्वारा इजरायल निर्मित ड्रोन की तैनाती ने सिर्फ सामरिक निहितार्थों के लिए, बल्कि इजरायल के साथ भारत के विकसित होते गठबंधन की रणनीतिक गहराई के बारे में जो संकेत दिया है, उसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है।"
आपको बता दें कि गुरुवार को पाकिस्तान की सेना ने दावा किया था कि उसने 25 भारतीय ड्रोन को मार गिराया है, जिनकी पहचान इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज की तरफ से बनाए गये हारोप लोइटरिंग म्यूनिशन के रूप में की गई है। पहलगाम आतंकी हमल के बाद जब भारत ने पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी, उस वक्त इजरायल ने भारत की हर तरह से मदद करने की बात कही थी।
इजरायली ड्रोन का कमाल
इजरायली ड्रोन ने कथित तौर पर कराची और लाहौर सहित प्रमुख शहरों में अलग अलग सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की शुरूआत की थी, जिसमें कल दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ है। इस ऑपरेशन के दौरान भारत की तरफ से इजरायली ड्रोन का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच बनते विश्वास के एक ऐसे गठबंधन को दर्शाता है जो दशकों से मजबूत होने के बाद अब परिपक्व हो रहा है।
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट में जेरूसलम इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजी एंड सिक्योरिटी के वरिष्ठ फेलो और भारत-मध्य पूर्व संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. ओश्रित बिरवाडकर ने कहा है कि "इस हमले में हारोप और हेरोन मार्क-2 ड्रोन की तैनाती दर्शाती है कि कैसे भारत की वर्तमान सैन्य रणनीति में इजरायल एक महत्वपूर्ण और बढ़ती भूमिका निभा रहा है।
भारत है सबसे बड़ा खरीददार
उन्होंने कहा कि "भारत इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से रक्षा प्रणालियों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय खरीदार है” और एडवांस ड्रोनों ने “(भारत को) उच्च ऊंचाई वाली निगरानी और हमला करने की क्षमता में काफी मदद दिया होगा।” वहीं, IAI की वेबसाइट के मुताबिक "इसके लोइटरिंग म्यूनिशन को कई तरह के ऑपरेशनल वातावरण में लचीली, फौरन प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
ये कम दूरी के मिशनों से लेकर गहरे हमले करने और वास्तविक समय में खुफिया जानकारी जुटाने और सटीक हमला करने की क्षमता प्रदान करता है। यानि इजरायली ड्रोन ने भारत की सेना को कराची और लाहौर जैसे घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में पिन प्वाइंट ऑपरेशन चलाने में काफी मदद की होगी। आपको बता दें कि कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लाहौर में पाकिस्तान के चायनीज डिफेंस सिस्टम HQ9-B को उड़ाने में ड्रोन ने ही मदद की थी। ड्रोन ने डिफेंस सिस्टम को चकमा दिया था।
भारत और इजरायल की अटूट होती दोस्ती
डॉ. ओश्रित बिरवाडकर ने कहा कि भारत और इजरायल के बीच की दोस्ती काफी मुश्किल समय में और भी विश्वास की बुनियाद पर मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि 'हमास के खिलाफ इजरायल के ऑपरेशन के दौरान जब पश्चिमी देशों के दोस्तों ने भी इजरायल को हथियारों की खेप पहुंचाने में देरी करनी शुरू कर दी, उस समय भी भारत कूटनीतिक जोखिम और अंतरराष्ट्रीय आलोचना की कीमत पर भी, मजबूती से उसके पक्ष में खड़ा रहा।' उन्होंने कहा कि "भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है और इजराइल इसका चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, इसलिए इस रिश्ते का महत्व बहुत ज्यादा है। भारतीय रक्षा बाजार इजराइल के लिए न सिर्फ आर्थिक अवसर बल्कि जियो-पॉलिटिकल एलाइनमेंट भी बनाता है।"
यह भी पढ़ें:
दो महीने में 76 हमले, 23 हिंदुओं की मौत...! PM मोदी पर क्यों बरसे मल्लिकार्जुन खड्गे?