महाराष्ट्र में मूसलधार बारिश का कहर: दीवार और पेड़ गिरने से 14 की मौत, ऑरेंज अलर्ट जारी
महाराष्ट्र में आसमान से आफत बरस रही है। बीते 24 घंटों की तेज बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं दीवारें ढहीं, कहीं पेड़ गिरे, तो कहीं बिजली गिरने से जानलेवा हादसे हुए। अब हालात ऐसे हैं कि राज्य के लगभग हर संवेदनशील जिले में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ी से चलाए जा रहे हैं।
बाढ़ के चलते 14 लोग खत्म, 20 मवेशियों की भी मौत
27 से 28 मई के बीच की भारी बारिश में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकतर लोगों की जान दीवार गिरने, बिजली गिरने, बाढ़ में बहने और आगजनी की घटनाओं में गई है। साथ ही, 20 पशुओं की भी मौत हो चुकी है और 16 लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि यह स्थिति और गंभीर हो सकती है, इसलिए लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
हर जिले में रेस्क्यू टीम तैनात, 39 लोगों को बाढ़ से निकाला गया सुरक्षित
बारिश के चलते अहिल्यानगर तालुका के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। अकोळणेर, खडकी, वाळकी, सोनेवाड़ी रोड और शिरढोण जैसे क्षेत्रों में फंसे 39 लोगों को सेना, फायर ब्रिगेड और नगरपालिका टीमों ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। राज्य सरकार ने आपात स्थिति को संभालने के लिए मुंबई में 2 एवं रायगढ़, ठाणे, पालघर, रत्नागिरी, सातारा, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग में NDRF की 1-1 टीम तैनात की है। इसके अलावा गढ़चिरोली और नांदेड़ में SDRF की टीमें भी सक्रिय हैं।
अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील, ऑरेंज अलर्ट जारी, 93 लाख को भेजा SMS अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 'सचेत' ऐप और SMS सेवा के जरिए 93 लाख से अधिक लोगों को मौसम और आपदा को लेकर 17 चेतावनी संदेश भेजे गए। ये अलर्ट संदेश लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और सावधानी बरतने के लिए जारी किए गए हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, वाशिम, यवतमाल, वर्धा, नागपुर और गोंदिया के लिए काफी भारी हो सकते हैं। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, यानी वहां भारी बारिश और तेज़ हवाओं का खतरा बना रहेगा।
कहां हुई कितनी बारिश?
पिछले 24 घंटों में बुलढाणा में 47.9 मिमी, अकोला में 46 मिमी, जालना में 44.6 मिमी, यवतमाल में 39.7 मिमी, और रत्नागिरी में 35.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इन जिलों में जलभराव की समस्या बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह अलर्ट पर हैं, लेकिन ऐसे हालात में जनता की जागरूकता सबसे ज़रूरी है। मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें, अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
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