Friday, June 6, 2025
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Havoc Of Rain In MP: मध्यप्रदेश में मौसम का कहर, बेमौसम बारिश में प्रशासन की लापरवाही से किसानों की मेहनत पर फिरा पानी! जानिए इस खबर में

Havoc Of Rain In MP: नर्मदापुरम/रायसेन। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम इलाके में अचानक बदले मौसम  से जहां लोगों को गर्मी से निजात मिली, तो वहीं बेमौसम बारिश ने किसानों का नुकसान कर दिया। कुदरत का कहर ऐसा कि किसानों की मेहनत...
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Havoc Of Rain In MP: नर्मदापुरम/रायसेन। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम इलाके में अचानक बदले मौसम  से जहां लोगों को गर्मी से निजात मिली, तो वहीं बेमौसम बारिश ने किसानों का नुकसान कर दिया। कुदरत का कहर ऐसा कि किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। इधर प्रशासन की अनदेखी से नर्मदापुरम जिले में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से सोसायटी में खुले में रखा गेहूं पानी मे भीग गया। बारिश के पानी से खुले आसमान के नीचे रखीं गेंहू की बोरियां भीग गईं। इतना बड़ा नुकसान होने के बाद भी शासकीय गेंहू खुले में रखा जा रहा है।
यहां हो रही खरीद में लापरवाही
नर्मदापुरम जिले के नर्मदापुरम, इटारसी, पिपरिया, सिवनी मालवा तहसील से लगे ग्रामीण क्षेत्रो में इन दिनों किसानों द्वारा अपनी गेंहू की उपज को लेकर ग्रामीण शासकीय सोसायटी में पहुंच रहे हैं। लेकिन सोसायटी में किसानों की उपज को खुले आसमान के नीचे खरीदा जा रहा है। बारिश के मौसम को देखते हुए किसान अपनी गेहूं की उपज को लेकर चिंता में दिखाई दे रहे हैं। तेज बारिश ने किसानों की चिंता और भी बढ़ा दी है। किसान अपने स्तर पर ही प्लास्टिक की तिरपाल और अन्य तरीकों से खुले में रखे गेंहू को बचाने का भरपूर प्रयास कर रहे है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौसम को देखने के बाद भी गेंहू को बारिश से बचाने के कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे है।

प्रशासन की लापरवाही से लाखों नुकसान
बीती रात प्रशासन की लापरवाही के कारण फसल पानी में भीगने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ गया। अभी भी मौसम खराब है कभी भी बारिश हो सकती है। लेकिन सोसायटी के अधिकारी खुले में रखे गेंहू की बोरियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रायसेन में भी हजारों क्विंटल गेहूं बर्बादी की कगार पर
इधर रायसेन मुख्यालय स्थित एग्रीकल्चर वेयर हाउस पर भी हाल कमोबेश खराब ही हैं। किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं बर्बादी की कगार पर है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी खुले आसमान के नीचे गेहूं के ढेर लगवा दिए हैं। अब सवाल यह उठता है की मौसम विभाग की अलर्ट के बाद भी प्रशासन द्वारा और वेयरहाउस संचालकों द्वारा कोई व्यवस्था क्यों नहीं की गई? ऐसे में हजारों क्विंटल गेहूं बर्बाद हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? फिलहाल कंडीशन जस की तस बनी हुई है।

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