Friday, July 25, 2025
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हरियाणा सरकार ने ईद की छुट्टी क्यों रद्द की? प्रशासनिक फैसला या कुछ और?

हरियाणा में पहली बार ईद-उल-फितर की गजटेड छुट्टी को रद्द कर दिया गया है। सरकार ने इसे वित्तीय कारण बताया, लेकिन क्या यही असली वजह है?
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Haryana Eid holiday controversy: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने इस साल ईद-उल-फितर की छुट्टी को रद्द करने का फैसला लिया है, जो राज्य में पहली बार देखा जा रहा है। हर साल ईद के मौके पर सरकारी कर्मचारियों को गजटेड छुट्टी मिलती थी, लेकिन इस बार 31 मार्च को होने वाली यह छुट्टी कैंसल कर दी गई है। सरकार ने इसके पीछे वित्तीय कारणों को जिम्मेदार ठहराया है। आइए, इस फैसले की वजह और इसके असर को विस्तार से समझते हैं।

छुट्टी रद्द करने की असली वजह क्या है?

हरियाणा सरकार ने 26 मार्च 2025 को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि 31 मार्च वित्त वर्ष 2024-25 का आखिरी कार्यदिवस है। चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी के पत्र के मुताबिक, 29 और 30 मार्च को शनिवार-रविवार होने की वजह से साप्ताहिक अवकाश रहेगा। ऐसे में 31 मार्च को सरकारी दफ्तरों में वित्तीय क्लोजिंग का काम पूरा करना जरूरी है। इसीलिए ईद की गजटेड छुट्टी को रद्द कर इसे प्रतिबंधित (रिस्ट्रिक्टेड) छुट्टी में बदल दिया गया। वहीँ बता दें कि हरियाणा के 2025 के कैलेंडर में मार्च में 14 मार्च (होली), 23 मार्च (शहीदी दिवस), और 31 मार्च (ईद-उल-फितर) की  तीन छुट्टियाँ थीं लेकिन अब आखिरी वाली छुट्टी प्रभावित हुई है।

गजेटेड छुट्टी से कैसे अलग है प्रतिबंधित छुट्टी?

गजटेड छुट्टी: यह अनिवार्य अवकाश होता है, जिसमें सभी सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं। कर्मचारियों को बिना किसी आवेदन के छुट्टी मिलती है, और उनकी सैलरी पर कोई असर नहीं पड़ता।

प्रतिबंधित छुट्टी: यह वैकल्पिक होती है। कर्मचारी इसे धार्मिक या व्यक्तिगत कारणों से ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए पहले से अनुमति लेनी पड़ती है। सभी कर्मचारी एक साथ इस छुट्टी का लाभ नहीं ले सकते। हरियाणा में 2025 के लिए 13 प्रतिबंधित छुट्टियाँ हैं, जैसे मुहर्रम, करवा चौथ, छठ पूजा, और गुड फ्राइडे।

हरियाणा सरकार के फैसले का असर

हरियाणा में मुस्लिम आबादी करीब 6% है, यानी लगभग 18 लाख लोग। ईद की छुट्टी रद्द होने से सरकारी कर्मचारियों को त्योहार के लिए पहले से छुट्टी की योजना बनानी होगी। जहाँ गजटेड छुट्टी में सभी को एकसाथ अवकाश मिलता था, वहीं अब यह व्यक्तिगत पसंद और अनुमति पर निर्भर करेगा। कुछ कर्मचारी इसे असुविधाजनक मान सकते हैं, क्योंकि वित्तीय क्लोजिंग के चलते अनुमति मिलना मुश्किल हो सकता है। वहीं, सरकार का तर्क है कि यह कदम प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उठाया गया है।

पहली बार ऐसा क्यों?

हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ है कि ईद की छुट्टी रद्द की गई हो। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे प्रशासनिक मजबूरी बताया, तो कुछ ने सरकार के इरादों पर सवाल उठाए। पहले से तय कैलेंडर में बदलाव ने बहस छेड़ दी है कि क्या यह फैसला वाकई वित्तीय जरूरतों के लिए है, या इसके पीछे कोई और मंशा है।

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