गोवा के लइराई देवी मंदिर में भगदड़: 7 श्रद्धालुओं की मौत, 40 से अधिक घायल; जानिए क्या है पूरा मामला?
Lairai Devi Temple Stampede: गोवा के प्रसिद्ध श्री लइराई देवी मंदिर में शुक्रवार रात एक भयावह हादसा हुआ, जहां जात्रा उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से 7 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद घटना तब हुई जब भारी भीड़ के बीच अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। चश्मदीदों के मुताबिक, स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि लोग एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते नजर आ रहे थे।
क्या थी भगदड़ की वजह?
हालांकि अधिकारियों ने अभी तक भगदड़ के सटीक कारणों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक यह हादसा भीड़ प्रबंधन में खामियों और अचानक किसी अफवाह फैलने के कारण हुआ। गौरतलब है कि इस पारंपरिक जात्रा में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस बार भी भारी संख्या में लोगों के जुटने के बावजूद प्रशासन ने 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया था और भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया था।
क्या रही पुलिस की कार्रवाई?
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और आपातकालीन सेवाएं तुरंत मौके पर पहुंच गईं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया और घायलों से मिलकर उनकी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों को मदद का आश्वासन दिया।
लइराई देवी मंदिर का धार्मिक महत्व
श्रीगांव स्थित यह मंदिर गोवा के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां हर साल चैत्र मास में भव्य जात्रा का आयोजन होता है। इस दौरान भक्त दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं और पवित्र झील में स्नान करते हैं। मंदिर परिसर में शराब और अंडे का सेवन पूरी तरह प्रतिबंधित है और किसी भी जानवर की हत्या करना वर्जित है। यहां तक कि इस गांव में घोड़ों का प्रवेश भी निषिद्ध है, जो इस स्थान की अनूठी परंपराओं को दर्शाता है।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठते सवाल
इस घटना ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विडंबना यह है कि इतने बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के बावजूद ऐसी दुर्घटना हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के लिए और अधिक कड़े उपाय करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
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