G7 Summit 2025: चार्वाक पॉडकास्ट के होस्ट कुशाल मेहरा से खास बातचीत, बोले- अब भारत को नहीं किया जा सकता नजरअंदाज
G7 Summit 2025 in Canada: कनाडा में आयोजित 51वें G7 शिखर सम्मेलन संपन्न हो गया है। भले ही भारत G7 समूह का हिस्सा नहीं है बावजूद इसके पिछले कुछ सालों से लगातार इस शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहा है। हिंद फर्स्ट नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ डॉ. विवेक भट्ट (Hind First Network Editor-in-Chief Dr. Vivek Bhatt) ने चार्वाक पॉडकास्ट के होस्ट कुशाल मेहरा (Kushal Mehra) से G7 शिखर सम्मेलन और उसमें भारत की जगह पर विशेष बातचीत की। इस खास बातचीत में कुशाल मेहरा ने कहा कि भारतीय इकोनॉमी लगातार तेजी से आगे दौड़ लगा रही है। ऐसे में अब भारत को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता।
भारत को G7 का सदस्य होना चाहिए- कुशाल मेहरा
जब कुशाल मेहरा से पूछा गया कि क्या भारत को G7 समूह (G7 Summit 2025 in Canada) में होना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि भारत को G7 का सदस्य होना चाहिए। इसके लिए अगर उसे G10 भी बनाना पड़े तो बनना चाहिए। तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के कारण अब भारत को दरकिनार करना बिल्कुल असंभव है। भारत की अर्थव्यवस्था लगातार 6 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसलिए अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति के लिहाज से भारत को G7 समूह में शामिल होना चाहिए।
भारत अंग्रेजी में ही जवाब देता है- कुशाल मेहरा
पूरी दुनिया में भारत की छवि बदलने की बात कहते हुए कुशाल मेहरा ने कहा कि आज ऑपरेशन सिंदूर को लेकर किसी को कोई संदेह नहीं है। अब भारत बदल चुका है। कुछ देश भारत की बढ़ती ताकत को पचा नहीं पा रहे हैं। रूस और चीन अंग्रेजी नहीं बोलते लेकिन भारत दुनिया के अग्रणी देशों को अंग्रेजी में ही जवाब देता है। अगर कनाडा के प्रवासियों की बात करें तो हम अमेरिकी प्रवासियों से पीछे हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी पर महत्वपूर्ण बयान
चार्वाक पॉडकास्ट होस्ट कुशाल रावल ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से निपटने में धैर्य रखने की सलाह दी है। उन्होंने भारत के लिए कहा कि छाछ का जला दूध भी फूंक-फूंक कर पीता है, ठीक इसी तरह से भारत को भी आगे बढ़ना चाहिए। कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी को इतनी जल्दी जज नहीं किया जाना चाहिए। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को 2 साल का समय दें और फिर जज करें।
(हिंद फर्स्ट नेटवर्क के चैनल हेड डॉ. विवेक भट्ट कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन कवर कर रहे हैं। 15 वर्षों के पत्रकारिता करियर के साथ, उन्होंने भारत से जुड़ी 18 से अधिक उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय बैठकों को कवर किया है।)
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