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रिजल्ट से पहले ही JEE टॉपर रचित ने कह दिया था, ‘पापा चिंता मत करो... मैं क्वालिफाई कर लूंगा’

रजित बताते हैं कि उन्होंने कोचिंग इंस्टीट्यूट के गाइडेंस, स्टडी मैटेरियल और खुद की स्ट्रैटेजी पर भरोसा किया। उनका मानना है कि खुश रहना ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।
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JEE Main 2025 में 100 पर्सेंटाइल लाकर देशभर में छा जाने वाले कोटा के रजित गुप्ता की कहानी सिर्फ मेहनत की नहीं है, ये आत्मविश्वास, सादगी और सकारात्मक सोच की कहानी है। वो न सिर्फ एक बार, बल्कि दो-दो बार 100 पर्सेंटाइल स्कोर कर चुके हैं – पहली बार जनवरी सेशन में और दूसरी बार अप्रैल में।

रिजल्ट से पहले ही था भरोसा

जब ज़्यादातर छात्र जेईई मेन के आंसर-की का इंतजार कर रहे थे, रजित ने उसे देखना तक ज़रूरी नहीं समझा। उन्होंने अपने पापा से बस इतना कहा— "पापा, आप चिंता मत करो… मैं क्वालिफाई कर लूंगा।" उनका यह भरोसा सिर्फ शब्द नहीं था, वो मेहनत, तैयारी और अपने ऊपर यकीन का नतीजा था।

स्मार्ट स्ट्रैटेजी से दो बार हासिल किए 100 Percentile

रजित बताते हैं कि उन्होंने कोचिंग इंस्टीट्यूट के गाइडेंस, स्टडी मैटेरियल और खुद की स्ट्रैटेजी पर भरोसा किया। उनका मानना है कि खुश रहना ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मैं जब मन करता है, तभी पढ़ता हूं – लेकिन तब पूरे फोकस के साथ। उनका मानना है कि गलतियों से सीखना और उन्हें दोहराना नहीं, यही सफलता की असली कुंजी है।

JEE Main Exam 2025 Result declared

परिवार से मिला फुल सपोर्ट

रजित के परिवार का शिक्षा से गहरा नाता है। उनके पिता दीपक गुप्ता कोटा में BSNL में SDE (Sub Divisional Engineer) हैं और उनकी मां डॉ. श्रुति अग्रवाल, JDB कॉलेज में प्रोफेसर हैं। इस शैक्षणिक माहौल ने ही रजित को मेहनत और अनुशासन की सीख दी। रजित बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। 10वीं बोर्ड में उन्होंने 96.8% मार्क्स हासिल किए और अब 12वीं में हैं। कोटा जैसे टफ कॉम्पिटिशन वाले माहौल में रहकर JEE जैसे कठिन एग्ज़ाम में टॉप करना, उनके डेडिकेशन को दर्शाता है।

अब फोकस है JEE Advanced पर

JEE Main में टॉप करने के बाद अब उनका अगला टारगेट है JEE Advanced। वो अब पूरी तैयारी उसी पर केंद्रित कर चुके हैं। रजित का कहना है कि अब लक्ष्य IIT में एडमिशन लेने का है, और इसके लिए वो कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। रजित गुप्ता की यह यात्रा हमें सिखाती है कि विश्वास, आत्मसंयम और खुशमिज़ाजी के साथ अगर मेहनत की जाए, तो कोई मंज़िल दूर नहीं। उन्होंने न केवल टॉप किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि सफलता की राह सिर्फ किताबों से नहीं, सोच और संतुलन से भी बनती है।

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