Election Commission: पंजाब के सुखबीर सिंह संधू और केरल के ज्ञानेश कुमार होंगे नए चुनाव आयुक्त
Election Commission: चुनाव आयुक्तों के सिलेक्शन के लिए गुरूवार को (Election Commission) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की बैठक हुई। चुनाव आयोग में 2 रिक्त पदों पर नियुक्तियां की हैं। इन पदों के लिए सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार का चयन किया । चयन समिति ने दोनों के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है। समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज दो चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए बैठक हुई। रंजन चौधरी के अलावा कमेटी में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और अर्जुनराम मेघवाल भी शामिल थे।
इन 6 नामों पर हुई चर्चा:-
समिति के सदस्य और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि इस बैठक में उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवीर पांडे, सुखबीर सिंह, गंगाधर राहत के नामों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि पहले हमें छोटी सूची सौंप दी जाए। लेकिन मुझे जो गई उसमें 212 नाम थे। हमारी कमेटी में पीएम मोदी समेत गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल शामिल हैं यानी सरकार के पास अधिकांश है यानी सरकार के अनुसार चुनाव होगा।
क्या कहा अधीर रंजन चौधरी ने ?
चुनाव आयुक्त को चुनने के लिए चयन समिति की बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं इस चुनाव आयोग की इस चयन प्रक्रिया को मान्यता नहीं देता। मैंने बदले में एक उपयुक्त नोट दिया है। सरकार के पास बहुमत है। मुझे 212 नाम दिए ग और आखिरी 10 मिनट में 6 नाम दिए गए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह चुनाव आयोग की इस चयन प्रक्रिया को न तो स्वीकार करते हैं और न ही मान्यता देते हैं। बता दें कि यह पद चुनाव आयुक्त के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था।
कौन हैं सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार ?
1988 बैच के आईएएस अधिकारी सुखबीर संधू को 2021 में उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। संधू भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष के रूप में केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर रह चुके है। पिछले साल 30 सितंबर को उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव के पद से रिटायर्ड हुए थे लेकिन सुखबीर संधू को 31 जनवरी, 2024 तक छह महीने की अवधि के लिए विस्तार दिया गया था।
ज्ञानेश कुमार कुछ दिन पहले ही सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए है। उन्होंने मंत्रालय के गठन के समय से कार्य किया है।सहकारिता मंत्रालय के गठन से लेकर अब तक उसकी कार्यप्रणाली कैसे पूरे देश में लागू हो रही है। इसमें ज्ञानेश कुमार ने अहम योगदान है। उससे पहले वह गृह मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी (कश्मीर डिवीजन) थे और आर्टिकल 370 हटाने के समय ज्ञानेश कुमार ही गृह मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी थे। इसके बाद ज्ञानेश प्रमोशन पाकर एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके है।