तिब्बत में रात के अंधेरे में आया भूकंप, यूपी और बिहार में मचा हड़कंप
आज रात तिब्बत में करीब 2 बजकर 41 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिसने रात के सन्नाटे को तोड़ दिया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.7 मापी गई, जिससे धरती कांप उठी और लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के अक्षांश 29.02N और देशांतर 87.48E पर था, और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी।
यूपी और बिहार तक लगे भूकंप के झटके
भूकंप के झटके यूपी और बिहार तक महसूस किए गए, जहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोग तेज झटकों से घबराकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक इस भूकंप से किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। बावजूद इसके, लोगों में दहशत का माहौल था, और कई जगहों पर लोग सड़कों पर आ गए।
EQ of M: 5.7, On: 12/05/2025 02:41:24 IST, Lat: 29.02 N, Long: 87.48 E, Depth: 10 Km, Location: Tibet.
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9 मई को भी आए थे भूकंप के झटके
यह पहला मौका नहीं है जब तिब्बत में भूकंप के झटके महसूस हुए हों। इससे पहले 9 मई 2025 को भी यहां 3.7 की तीव्रता का भूकंप आया था, लेकिन उस वक्त भी किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई थी। यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से बहुत संवेदनशील माना जाता है, खासकर हिमालयी क्षेत्र होने की वजह से यहां समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं।
हिमालयी क्षेत्र में भूकंप: एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
भूकंप के बारे में बात करते हुए, एक्सपर्ट्स का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र भूकंप के दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील है। यहां की भूगर्भीय संरचना इस तरह की हलचलों के लिए उपयुक्त है, और इसलिए यहां भूकंप आना एक सामान्य घटना मानी जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जाती है ताकि किसी भी संभावित खतरे का समय रहते आकलन किया जा सके। हालांकि, इस बार के भूकंप के बाद कोई बड़ी क्षति नहीं हुई, फिर भी इस क्षेत्र में भूकंप आने की संभावना हमेशा बनी रहती है। अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी है।
भविष्य में भूकंप के खतरे को लेकर क्या सावधानियां बरतें?
यह घटना एक बार फिर से इस बात की याद दिलाती है कि भूकंप के लिए हर किसी को तैयार रहना चाहिए। ऐसे प्राकृतिक आपदाओं के लिए स्थानीय प्रशासन और लोगों को किसी भी स्थिति में सही दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। खासकर अगर आप हिमालयी क्षेत्रों में रहते हैं, तो सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
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