रोजाना 2 घंटे से ज्यादा कार चलाना हो सकता है खतरनाक, इस बीमारी का रहता है जोखिम
हर किसी का सपना होता है कि उसके पास अपनी एक ड्रीम कार हो, जिसमें वह लॉन्ग ड्राइव पर जाए। कुछ लोगों को कार चलाने का काफी शौक होता है, तो कुछ लोगों का प्रोफेशन ही ड्राइविंग करना होता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि रोजाना 2 घंटे से ज्यादा गाड़ी चलाना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जी हां, यदि कोई व्यक्ति रोजाना लगातार 2 घंटे से ज्यादा गाड़ी चलाता है, तो यह 'पैटेलर टेंडिनोपैथी' नामक बीमारी का कारण बन सकता है, जो काफी गंभीर भी साबित हो सकती है।
जानें क्या है पैटेलर टेंडिनोपैथी नामक बीमारी
पैटेलर टेंडिनोपैथी पैरों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें घुटनों से लेकर एडी तक, पिंड़लियों में सूजन और दर्द होता है। इस समस्या के होने पर चलने, दौड़ने और सीढ़ियां चढ़ने तक में दिक्कत हो सकती है। दरअसल, जब टेंडन पर बार-बार दबाव पड़ता है, तो इससे यह डैमेज हो सकती है, क्योंकि मैनुअली कार चलाते वक्त बार-बार क्लच, ब्रेक और एक्सीलेटर दबाना पड़ता है, जिससे यह समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।
इसके अलावा, गलत ड्राइविंग पोजीशन भी टेंडन पर ज्यादा दबाव डाल सकती है। जैसे अगर आप सीट को बहुत नीचे या ऊंचा रखते हैं, तो इससे घुटनों पर दबाव ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि, ऑटोमैटिक कार चलाने वालों में यह जोखिम कम रहता है।
क्या कहती है स्टडी?
इस बारे में कई स्टडीज भी की जा चुकी है। ऐसी ही ऑर्थोपेडिक्स और स्पोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, अगर रोजाना 2 घंटे से अधिक मैनुअल कार चलाई जाए, तो इससे ड्राइवर्स में पैटेलर टेंडिनोपैथी का जोखिम 2.5 गुना बढ़ जाता है। स्टडी में 1,200 ड्राइवर्स को शामिल किया गया था, जिनमें से 35 प्रतिशत लोगों में पैटेलर टेंडिनोपैथी के लक्षण पाए गए, जबकि 65% लोगों ने घुटने के दर्द की शिकायत की।
ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए कोशिश करें कि मैनुअल कार कम ही चलाएं और सीट की पोजिशन सही हो।
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