दिल्ली की वायु गुणवत्ता खतरनाक, छोटे बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है गहरा प्रभाव
Delhi NCR air Pollution: दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण चिंता बनी हुई है। सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के बावजूद दिल्ली की हवा जहरीली हो रखी है। सोमवार सुबह भी मौसम का कुछ वैसा ही हाल दिखाई दिया। दिल्ली के ज्यादातार इलाकों में वायु गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई। देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। वायु प्रदुषण के चलते बच्चों के शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा हैं।
हर साल 1.7 लाख बच्चों की मौत
दिल्ली ही नहीं अपितू देश के कई राज्यों में वायु प्रदुषण का बच्चों पर काफी असर पड़ता नज़र आ रहा है। लैंसेट पत्रिका की 2023 की एक रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया है कि भारत में हर साल प्रदूषण के कारण पांच साल से कम उम्र के 1.7 लाख बच्चों की मौत हो रही है। पिछले कुछ सालों में अस्पतालों में खांसी, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।
फेफड़ों पर सीधा असर
दिल्ली में फिलहाल वायु की गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की जा रही है। बढ़ते प्रदुषण से दिल्ली की जनता काफी परेशान नज़र आ रही है। खासकर बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता दिखाई दे रहा है। प्रदूषण फेफड़ों पर सीधा असर कर रहा है। फेफड़ों का विकास कम हो रहा है। इसका दूरगामी असर फेफड़ों की खराबी के रूप में सामने आ सकता है।
गर्भ में भी प्रदूषण का असर
सीएसई की एक रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण मां के गर्भ से ही बच्चे के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है। जब गर्भवती प्रदूषित हवा में सांस लेती है तो हवा में मौजूद छोटे, जहरीले कण शरीर से होते हुए गर्भ में पल रहे भ्रूण तक पहुंच जाते हैं। उसे सही मात्रा में आक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते।
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