दिल्ली से हो गया मोह भंग! आखिर क्यों पंजाब और गुजरात में डेरा जमाए हुए हैं केजरीवाल?
Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल भले ही दिल्ली में कम नजर आ रहे हों, लेकिन सत्ता के गलियारों में उनकी मौजूदगी अब भी चर्चा में है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद केजरीवाल का ध्यान पंजाब पर ज्यादा है। वह अपनी पूरी टीम, जिसमें मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे भरोसेमंद नेता शामिल हैं, के साथ पंजाब में सक्रिय हैं। केजरीवाल विपश्यना के लिए दिल्ली से निकले थे, लेकिन अब पंजाब में ही जमे हैं। इसका बड़ा कारण है AAP की पंजाब में सत्ता, जिसे बचाना उनकी प्राथमिकता है।
दिल्ली में BJP के 100 दिन: अनुपम खेर ने कसा तंज
हाल ही में दिल्ली में BJP सरकार के 100 दिन पूरे होने पर जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक कार्यक्रम हुआ, जहां अभिनेता अनुपम खेर ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का इंटरव्यू लिया। अनुपम ने बिना नाम लिए केजरीवाल पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "लंबे समय बाद ऐसी सरकार आई है, जिसकी उपलब्धियों पर बात करना जरूरी है।"
इंटरव्यू के दौरान रेखा गुप्ता की तारीफ करते हुए अनुपम ने तंज कसा, "आप इतना बोल रही हैं, फिर भी खांसी नहीं आई। पहले तो लोगों को खांसी की आदत पड़ गई थी।" यह इशारा केजरीवाल की ओर था। AAP की ओर से इस मौके पर खास प्रतिक्रिया नहीं आई, क्योंकि दिल्ली में सौरभ भारद्वाज और आतिशी कमान संभाले हुए हैं।
लुधियाना उपचुनाव: केजरीवाल की नजर राज्यसभा पर?
पंजाब के लुधियाना वेस्ट सीट पर 19 जून को उपचुनाव है, जिसके नतीजे 23 जून को आएंगे। AAP ने यहां से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उतारा है। चर्चा है कि अगर अरोड़ा जीतते हैं, तो उनकी खाली होने वाली राज्यसभा सीट पर केजरीवाल की नजर है। BJP और कांग्रेस का दावा है कि अरोड़ा को जीत के बाद पंजाब सरकार में मंत्री पद का लालच दिया गया है। केजरीवाल इस उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक रहे हैं और कैंपेन शुरू होने से पहले ही सक्रिय हो गए थे।
गुजरात में भी AAP की नजर: विसावदर सीट पर दांव
गुजरात की विसावदर सीट पर भी AAP सक्रिय है, जहां से गोपाल इटालिया उम्मीदवार हैं। केजरीवाल ने नामांकन के दौरान कहा, "18 साल से BJP इस सीट पर नहीं जीती। पहले आपने कांग्रेस को वोट दिया, BJP ने उनके MLA तोड़ लिए। फिर AAP को वोट दिया, तो हमारा MLA तोड़ लिया। इस बार मैंने गोपाल इटालिया को उतारा है। BJP उन्हें खरीदकर दिखाए, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।" 2022 के गुजरात चुनाव में AAP को 5 सीटें मिली थीं, लेकिन एक विधायक भूपत भायाणी BJP में चले गए।
AAP का भविष्य का प्लान: पंजाब और दिल्ली पर फोकस
AAP अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। पार्टी ने राज्यों को दो श्रेणियों में बांटा है। पहली श्रेणी में पंजाब, दिल्ली, गुजरात, असम, उत्तराखंड, गोवा और हिमाचल प्रदेश हैं, जहां केजरीवाल और उनकी कोर टीम सक्रिय रहेगी। दूसरी श्रेणी में बिहार जैसे राज्य हैं, जहां स्थानीय नेता कमान संभालेंगे। बिहार में AAP महागठबंधन या इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं होगी।
इंडिया ब्लॉक से दूरी: AAP ने लिया अलग रास्ता!
इधर हाल में इंडिया ब्लॉक की एक बैठक में AAP शामिल नहीं हुई। यह बैठक संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग के लिए थी। कांग्रेस, शिवसेना-UBT, सपा, RJD और TMC जैसे दल इसमें शामिल थे। AAP ने कहा कि वह अलग से PM को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग करेगी। AAP का मानना है कि वह केवल उन गठबंधनों के साथ रहेगी, जिनमें कांग्रेस शामिल न हो। केजरीवाल को लगता है कि दिल्ली में सत्ता गंवाने में कांग्रेस का भी हाथ था।
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