नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

दिल्ली कोर्ट में बेल के बदले रिश्वत का आरोप: स्पेशल जज का ट्रांसफर, कोर्ट अहलमद पर FIR दर्ज

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से उठी एक सनसनीखेज खबर ने न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेल दिलवाने के बदले में रिश्वत मांगने के आरोप में एक स्पेशल जज और कोर्ट अहलमद (न्यायालय कर्मचारी) के नाम...
08:56 AM May 24, 2025 IST | Sunil Sharma
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से उठी एक सनसनीखेज खबर ने न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेल दिलवाने के बदले में रिश्वत मांगने के आरोप में एक स्पेशल जज और कोर्ट अहलमद (न्यायालय कर्मचारी) के नाम...

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से उठी एक सनसनीखेज खबर ने न्यायिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेल दिलवाने के बदले में रिश्वत मांगने के आरोप में एक स्पेशल जज और कोर्ट अहलमद (न्यायालय कर्मचारी) के नाम सामने आए हैं। इस मामले की जांच दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) कर रही है। जबकि दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जज को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। कोर्ट कर्मचारी (अहलमद) के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया है।

कैसे शुरू हुआ मामला? – ईमेल से मिली पहली शिकायत

इस पूरे मामले की शुरुआत 30 दिसंबर 2024 को हुई जब ACB को एक शिकायत ईमेल के माध्यम से मिली। शिकायतकर्ता ने बताया कि कोर्ट के अधिकारियों ने जमानत दिलवाने के लिए उनसे 85 लाख रुपये और बाकी आरोपियों के लिए 1-1 करोड़ रुपये की डिमांड की थी। बात नहीं मानने पर बेल याचिकाएं जानबूझकर टाली गईं और फिर खारिज कर दी गईं। बाद में दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिली, लेकिन उसके बाद शिकायतकर्ता को धमकाया गया कि अगर उसने समझौता नहीं किया तो संबंधित जज अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके केस को खराब करेंगे।

जज को ट्रांसफर, कोर्ट स्टाफ पर भ्रष्टाचार की एफआईआर

जब ACB ने प्रारंभिक जांच की तो पाया कि मामला सिर्फ संदेह का नहीं, बल्कि गंभीर आरोपों का है। इसके बाद 16 मई को कोर्ट अहलमद के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई। इस मामले में एक अन्य गवाह ने 20 जनवरी को बयान दिया कि कोर्ट के एक अधिकारी ने उनसे कहा था कि बेल मिल सकती है, अगर वो प्रति आरोपी 15-20 लाख रुपये देने को तैयार हों। उधर, स्पेशल जज को भी 20 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट से दूसरी अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि इस ट्रांसफर के पीछे हाईकोर्ट ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

ACB vs. Judiciary: हाईकोर्ट ने जांच की दी सीमित इजाजत

दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 फरवरी को ACB की उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें जज के खिलाफ सीधी जांच की अनुमति मांगी गई थी। कोर्ट का कहना था कि अभी पर्याप्त सबूत नहीं हैं। लेकिन ACB को यह भी कहा गया कि अगर भविष्य में ऐसे साक्ष्य मिलते हैं तो वह फिर से अनुमति ले सकते हैं। ACB का कहना है कि अप्रैल 2023 में GST फ्रॉड के मामले में 16 लोगों को पकड़ा गया था। सभी को इस स्पेशल जज की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया। जब बेल याचिकाएं दाखिल की गईं, तो उन्हें लगातार टाला गया।

अहलमद की अग्रिम जमानत याचिका और ACB की आपत्ति

FIR दर्ज होने के बाद अहलमद ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की। उनके वकीलों ने इसे 'झूठा और बदनाम करने वाला मामला' बताया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें और जज को फंसाकर 'पुराना हिसाब चुकता' किया जा रहा है। लेकिन मुख्य सरकारी वकील ने इसका विरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता को एक हस्तलिखित पर्ची दी गई थी, जो कथित तौर पर रिश्वत मांगने का प्रमाण है। ऐसे में आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।

यह भी पढ़ें:

भारत धर्मशाला नहीं है... आपका यहां क्या अधिकार? सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा ?

बदलापुर रेप केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदला सरकार का नारा, कहा-  'बेटा पढ़ाओ, बेटी बचाओ’

वक्फ पर स्टे लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, सरकार को 7 दिन में देना होगा जवाब

Tags :
bribeBribes for bailcorruption caseDelhi ACBDelhi Anti Corruption BranchDelhi GovernmentDelhi High Courtjudge transferRouse Avenue CourtRouse Avenue Court judge transferएसीबी दिल्लीदिल्ली एंटी करप्शन ब्रांचभ्रष्टाचार केसराउज एवेन्यू कोर्टराउज एवेन्यू कोर्ट जज ट्रांसफररिश्वत

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article