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कोरोना से घबराना नहीं है..! आपके शरीर के अंदर है इलाज की पूरी व्यवस्था, जानिए कैसे?

Covid-19 in India: भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने लोगों के बीच चिंता जरूर पैदा की है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोविड-19 से कोई गंभीर खतरा नहीं है। संक्रमित व्यक्तियों में ज्यादातर फ्लू जैसे...
03:47 PM Jun 02, 2025 IST | Avdesh
Covid-19 in India: भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने लोगों के बीच चिंता जरूर पैदा की है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोविड-19 से कोई गंभीर खतरा नहीं है। संक्रमित व्यक्तियों में ज्यादातर फ्लू जैसे...

Covid-19 in India: भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने लोगों के बीच चिंता जरूर पैदा की है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोविड-19 से कोई गंभीर खतरा नहीं है। संक्रमित व्यक्तियों में ज्यादातर फ्लू जैसे हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। इसका कारण है देश की आबादी में कोविड के खिलाफ बनी एक्वायर्ड इम्यूनिटी, जो लोगों को गंभीर प्रभाव से बचाने में मदद कर रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, भले ही संक्रमण हो, लेकिन इसका असर सीमित रहेगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की आबादी ने जो इम्यूनिटी हासिल की है, उसके चलते कोविड-19 से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत में लोगों के बीच एक्वायर्ड इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।

एक्वायर्ड इम्यूनिटी क्या है?

एक्वायर्ड इम्यूनिटी, जिसे अधिग्रहित प्रतिरक्षा भी कहा जाता है, वह सुरक्षा तंत्र है जो शरीर में संक्रमण या वैक्सीनेशन के जरिए धीरे-धीरे विकसित होता है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का एक खास हिस्सा है, जो किसी वायरस या बैक्टीरिया को पहचानकर उसके खिलाफ एंटीबॉडी और मेमोरी सेल्स तैयार करता है। ये मेमोरी सेल्स भविष्य में उसी वायरस के दोबारा हमले से शरीर को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

पिछले पांच सालों में भारत की बड़ी आबादी कई बार कोविड-19 से संक्रमित हो चुकी है और अधिकतर लोगों ने वैक्सीन भी ली है। इससे देश में नेचुरल और वैक्सीन-प्रेरित एक्वायर्ड इम्यूनिटी विकसित हुई है। जो लोग पहले कोविड से संक्रमित हुए और ठीक हो गए, उनके शरीर में प्राकृतिक प्रतिरक्षा बनी, जिससे दोबारा संक्रमण का खतरा और गंभीरता दोनों कम हो गए हैं। हर साल हल्के संक्रमणों के संपर्क में आने से लोगों की इम्यूनिटी और मजबूत हुई है।

धीरे फैलता है शरीर में वायरस

विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, जब किसी देश की बड़ी आबादी में एक्वायर्ड इम्यूनिटी विकसित हो जाती है, तो वायरस का फैलाव धीमा पड़ जाता है। इससे भले ही लोग संक्रमित हों, लेकिन गंभीर लक्षणों का जोखिम कम रहता है।

चूंकि कोविड-19 का कोई पूरी तरह नया वेरिएंट सामने नहीं आया है, इसलिए मौजूदा एक्वायर्ड इम्यूनिटी लोगों की रक्षा कर रही है। हालांकि, उन्होंने बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी है। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और हाथ धोकर भोजन करने जैसे बुनियादी नियमों का पालन अभी भी जरूरी है।

कोविड मामलों में आया उछाल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 1 मई 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को भारत में कोविड-19 के 685 नए सक्रिय मामले दर्ज किए गए, जिससे जनवरी 2025 से अब तक कुल मामले 3,395 हो गए हैं। चेन्नई में जीईएम अस्पताल द्वारा आयोजित एंडोस्कोपी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘स्कोप 2025’ के दौरान मीडिया से बातचीत में डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि मौजूदा उछाल ओमिक्रॉन स्ट्रेन के सबवेरिएंट के कारण है। उन्होंने कहा कि वायरस में कुछ उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) हो सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर स्ट्रेन वही है, और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

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