14 देशों से सटा है चीन का बॉर्डर, जानिए ड्रैगन कैसे करता है अपनी सुरक्षा का इंतजाम?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर खड़े हैं। हालात ऐसे हैं कि कभी भी जंग छिड़ सकती है। इस बीच, पाकिस्तान अपने दोस्त चीन से मदद की भीख मांग रहा है, और चीन भी अपने यार की पीठ थपथपाने में पीछे नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया है, और खबर तो ये भी है कि चीन ने पाकिस्तान को PL-15 मिसाइलें तक सौंप दी हैं। लेकिन आज हम बात करेंगे चीन की, जो 14 देशों के साथ अपनी सीमा साझा करता है। इतने बड़े देश की सुरक्षा का जिम्मा ड्रैगन कैसे संभालता है? चलिए, इसकी पूरी कहानी जानते हैं।
कौन-कौन से देश हैं चीन के पड़ोसी?
चीन का बॉर्डर 14 देशों से मिलता है। इनमें रूस, उत्तर कोरिया, मंगोलिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, लाओस, वियतनाम और पाकिस्तान शामिल हैं। कुल मिलाकर, चीन की जमीनी सीमा 22,100 किलोमीटर लंबी है। सबसे लंबा बॉर्डर मंगोलिया के साथ है, जो 4,677 किलोमीटर का है। इसके बाद रूस (3,645 किमी), भारत (3,380 किमी) और म्यांमार (2,185 किमी) का नंबर आता है। वैसे, चीन का भारत और भूटान के साथ सीमा विवाद भी है, जो अक्सर सुर्खियों में रहता है।
कैसे होती है ड्रैगन की सीमा की हिफाजत?
चीन अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस (PAP) पर भरोसा करता है। ये दोनों बल न सिर्फ सीमा पर निगरानी रखते हैं, बल्कि अवैध घुसपैठ को रोकने और स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बिठाने का काम भी करते हैं। साल 2021 में चीन ने एक नया बॉर्डर लॉ पास किया था, जो सीमा पर सुरक्षा और प्रबंधन को और पुख्ता करता है। इस कानून के तहत कोई भी शख्स या समूह बॉर्डर पर कोई ऐसी गतिविधि नहीं कर सकता, जो चीन की सुरक्षा को खतरे में डाले।
चीन के पास क्या-क्या हथियार?
चीन की सेना को दुनिया की सबसे बड़ी फौज माना जाता है। इसमें करीब 20 लाख एक्टिव सैनिक हैं। चीन के पास 4,950 टैंक और 2,800 सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टिलरी भी हैं। हर साल चीन अपने रक्षा बजट में इजाफा करता है। ड्रैगन के पास दुनिया के सबसे घातक और आधुनिक हथियार हैं, जिनमें मिसाइलें और बम शामिल हैं। चीन की सबसे ताकतवर परमाणु ICBM मिसाइल DF-5 है, जो 15,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इसके अलावा, हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल डोंगफेंग-ZF और छोटी दूरी की मिसाइलें भी चीन के हथियारों के जखीरे में हैं।
क्या है चीन की ताकत?
चीन की सैन्य ताकत और उसकी सीमा सुरक्षा का इंतजाम देखकर साफ है कि ड्रैगन अपनी हिफाजत में कोई कसर नहीं छोड़ता। 14 देशों से सटी सीमा को संभालना आसान नहीं, लेकिन PLA और PAP की तैनाती, नए कानून और घातक हथियारों के दम पर चीन अपने इरादे साफ रखता है। अब सवाल ये है कि पाकिस्तान के साथ मिलकर क्या चीन भारत के खिलाफ कोई नई चाल चलेगा? ये तो वक्त ही बताएगा।
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