Brahmos missile: ब्रह्मोस टेस्टिंग फैसिलिटी क्या है? जिसकी लखनऊ में हुई है आज जोरदार ओपनिंग
11 मई 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया, जो उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह 300 करोड़ रुपये की परियोजना भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और सामरिक ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रतीक है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को राख किया, और अब लखनऊ में इसकी टेस्टिंग फैसिलिटी भारत को और अजेय बनाएगी। आइए, जानते हैं कि यह फैसिलिटी क्या है, इसका उद्देश्य क्या है, और यह क्यों मायने रखती है।
ब्रह्मोस टेस्टिंग फैसिलिटी क्या है?
ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी एक अत्याधुनिक केंद्र है, जो विश्व की सबसे घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की गुणवत्ता, विश्वसनीयता, और प्रदर्शन को सुनिश्चित करता है। यह फैसिलिटी मिसाइल के विभिन्न घटकों को असेंबल करने, उनके एकीकरण (इंटीग्रेशन), और कठोर परीक्षण (टेस्टिंग) के लिए हाई-टेक तकनीकों का उपयोग करती है।
यह सुनिश्चित करती है कि मिसाइल युद्धक्षेत्र में सटीक, तेज, और अचूक हो।मैक 2.8 की गति और 290-400 किमी की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है, जो दुश्मन के रडार से बचकर निशाना लगाती है। यह केंद्र एयरोस्पेस-ग्रेड सामग्रियों का उत्पादन भी करता है, जो चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों के लिए उपयोगी हैं।
फैसिलिटी सेंटर से किन उद्देश्यों की पूर्ति होगी?
इस फैसिलिटी का उद्देश्य भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और स्वदेशी मिसाइल उत्पादन को बढ़ावा देना है। इसके प्रमुख लक्ष्य हैं:
गुणवत्ता और विश्वसनीयता: मिसाइलों की टेस्टिंग के जरिए उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, जिससे वैश्विक बाजार में भारत की रक्षा तकनीक की मांग बढ़े।
स्वदेशी उत्पादन: आयात पर निर्भरता कम कर ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देना। लखनऊ यूनिट से 2026 तक 80-100 मिसाइलें और 100-150 नेक्स्ट-जेनरेशन मिसाइलें बनेंगी।
रोजगार सृजन: 500 प्रत्यक्ष और 3,000 अप्रत्यक्ष रोजगार, साथ ही 10,000 से अधिक नौकरियां डिफेंस कॉरिडोर के जरिए।
सामरिक ताकत: भारत-पाक तनाव के बीच ब्रह्मोस की ताकत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में आतंकी ठिकानों को तबाह किया। यह फैसिलिटी ऐसी मिसाइलों को और बेहतर बनाएगी।
उद्घाटन के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र कर क्या बोले रक्षा मंत्री?
उद्घाटन के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, “आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है। 1998 में पोखरण ने भारत की ताकत दिखाई थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने उन आतंकियों को सबक सिखाया, जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाया। भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया, मगर आतंकियों के लिए सरहद पार भी सुरक्षित नहीं।” उन्होंने जोड़ा, “यह नया भारत है, जो आतंकवाद को सीमा के इस पार और उस पार कुचलता है। ब्रह्मोस हमारी सेनाओं में कहर बरपाने वाली शक्ति है। वहीं सीएम योगी ने इसको लेकर कहा कि ब्रह्मोस की ताकत पाकिस्तान से पूछिए। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इसने आतंक के गढ़ को राख किया। पीएम मोदी ने साफ किया कि आतंकवाद अब युद्ध माना जाएगा।”
लखनऊ बनेगा डिफेंस कॉरिडोर का केंद्र
लखनऊ में यह फैसिलिटी उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है, जिसकी परिकल्पना पीएम मोदी ने 2018 में की थी। 80 हेक्टेयर जमीन पर बनी इस यूनिट को योगी सरकार ने मुफ्त जमीन और तेज निर्माण (3.5 साल में पूरा) से समर्थन दिया।
आर्थिक प्रभाव: 300 करोड़ की परियोजना से लखनऊ रक्षा उत्पादन का हब बनेगा, जिससे निर्यात और निवेश बढ़ेगा।
अन्य परियोजनाएं: उद्घाटन के साथ टाइटेनियम एंड सुपर एलॉय प्लांट और डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) का शिलान्यास हुआ, जो चंद्रयान और फाइटर जेट्स के लिए सामग्री बनाएगा।
रोजगार और विकास: 500 इंजीनियरों और तकनीशियनों को प्रत्यक्ष रोजगार, 10,000 से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियां, और MSME को बढ़ावा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ब्रह्मोस की क्या रही भूमिका?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ (6-7 मई 2025) में ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। राफेल जेट्स से दागी गई इन मिसाइलों ने जैश, लश्कर, और हिजबुल के कैंपों को राख किया। सीएम योगी के शब्दों में, “ब्रह्मोस की ताकत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया।” यह फैसिलिटी ऐसी मिसाइलों को और घातक बनाएगी।
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