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Brahmos-2 Missile: ​​ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस से पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद ब्रह्मोस-II की तैयारी में जुटा भारत

​ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल से पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद भारत इससे भी घातक मिसाइल बनाने की तैयारी में है।
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Brahmos 2 Hypersonic cruise missile: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान के एयरस्पेस का विनाश करने के बाद दुनिया भर में इसकी गिनती सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइलों में होने लगी है। ब्रह्मोस मिसाइल से दुश्मन झूल चटाने के बाद इस मिसाइल की विरासत को आगे बढ़ाते हुए भारत अब अपनी अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस-II बनाने की तैयारी में जुट गया है। DRDO द्वारा स्वदेशी स्क्रैमजेट इंजन तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने के बाद ब्रह्मोस-II पर तेजी से काम चल रहा है। यह मिसाइल पहले से भी कहीं ज्यादा घातक और खतरनाक होगी।

ब्रह्मोस-II की गति ध्वनि की गति से 8 गुना अधिक

जानकारी के अनुसार, अपग्रेड ब्रह्मोस-II मिसाइल की गति मैक 8 यानी ध्वनि की गति से 8 गुना अधिक होगी। इसे कुछ इस तरह डिजाइन किया जा रहा है ताकि इसकी मारक क्षमता 1,500 किमी रहे। बता दें कि, वर्तमान में ब्रह्मोस (Brahmos 2 Hypersonic cruise missile) की अधिकतम स्पीड 3.5 मैक है। इसकी मारक क्षमता 290 से 800 किमी तक है।

Brahmos 2 Hypersonic cruise missile

ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइलों में से एक

इतना ही नहीं, ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइलों में से एक माना जाता है। वहीं, ब्रह्मोस-II हाइपरसोनिक मिसाइल होगी। गौर रहे कि, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल की गति 1 से 5 मैक तक होती है, जबकि हाइपर सोनिक मिसाइलों की गति 5 से 12 मैक तक होती है। ऐसे में ब्रह्मोस-II का काम पूरा होने के साथ ही भारत पल भर में दुश्मन के पसीने छुड़ाने में कामयाब हो जाएगा।

रूस की 3M22 जिरकॉन से इंस्पायर्ड है ब्रह्मोस-II

ब्रह्मोस-II का डिजाइन रूस की 3M22 जिरकॉन से इंस्पायर्ड है, जो मैक 9 की गति से चलती है, जो रूसी नौसेना का हिस्सा भी है। सूत्रों के अनुसार, ब्रह्मोस-II में स्क्रैमजेट इंजन लगा होगा, जिसे वर्तमान ब्रह्मोस के रामजेट सिस्टम से कहीं अधिक एडवांस माना जाता है। जानकारी के अनुसार, ब्रह्मोस-II का वजन करीब 1.33 टन हो सकता है, जो एयर-लॉन्च ब्रह्मोस-A (2.65 टन) से करीब-करीब आधा है। जानकारी के मुताबिक, भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस के साथ कई एयरक्राफ्ट में लगाई जा सकेगी।

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