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जानिए केजरीवाल और दिल्ली के इस मैदान के कनेक्शन की कहानी, जहां से अब बीजेपी बनाएगी सरकार

दिल्ली का रामलीला मैदान वह जगह है जहां अन्ना आंदोलन को समर्थन मिला और अरविंद केजरीवाल ने अनशन कर राजनीति में कदम रखा।
05:41 PM Feb 17, 2025 IST | Vyom Tiwari
दिल्ली का रामलीला मैदान वह जगह है जहां अन्ना आंदोलन को समर्थन मिला और अरविंद केजरीवाल ने अनशन कर राजनीति में कदम रखा।

बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौट रही है, और 21 फरवरी को उनका शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। लेकिन इस कार्यक्रम के लिए जिस स्थान को चुना गया है, उसने इस शपथ ग्रहण को कई पहलुओं में चर्चा का विषय बना दिया है। दरअसल, दिल्ली का रामलीला मैदान, जहां शपथ ग्रहण की तैयारी हो रही है, वह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के उभार का गवाह भी रहा है।

इसी मैदान से केजरीवाल ने बनाई थी अपनी पहचान 

दिल्ली का रामलीला मैदान वही जगह है, जहां अन्ना हजारे का आंदोलन जोर पकड़ चुका था। इस मैदान से ही अरविंद केजरीवाल ने अपनी सियासी यात्रा की शुरुआत की थी। यहां मंच पर खड़े होकर उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और एक आंदोलनकारी से नेता बने। यही वह स्थान था, जहां केजरीवाल ने अनशन किया और फिर अपनी नई पार्टी बनाई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ बनाई और दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। इस कहानी को समझने के लिए हमें करीब 14 साल पहले का समय याद करना होगा।

अरविन्द केजरीवाल के नेता बनने की शुरुआत 

साल 2011 का अगस्त महीना था, जब अन्ना हजारे ने जन लोकपाल बिल को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। ये विरोध धीरे-धीरे एक बड़े आंदोलन में बदल गया, और देशभर में सरकार के खिलाफ आवाजें उठने लगीं। रामलीला मैदान में रोज हजारों लोग पहुंचने लगे। हर जगह 'मैं भी अन्ना' की टोपी पहने लोग दिखाई देने लगे। अन्ना हजारे के साथ-साथ एक और नाम हर किसी की जुबां पर था, वो नाम था अरविंद केजरीवाल। केजरीवाल के प्रशासनिक अधिकारी से लेकर मैग्सेसे पुरस्कार जीतने तक की बातें रामलीला मैदान में गूंजने लगीं। लेकिन उस समय तक, अरविंद केजरीवाल के नेता बनने की कहानी बाकी थी।

इसी मैदान में ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ 

अन्ना आंदोलन ने यूपीए सरकार को हिलाकर रख दिया था, लेकिन जब ये आंदोलन खत्म हुआ, तो अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी बनाने का एलान किया। उन्होंने यह भी साफ कह दिया था कि अब वो सिस्टम में शामिल होकर उसे बदलने की कोशिश करेंगे। आसान शब्दों में कहें तो, केजरीवाल ने नेता बनकर राजनीति करने का फैसला ले लिया था।

 'मैं भी अन्ना' से बदलकर हुए 'मैं हूं आम आदमी'

अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने सिर्फ 12 महीनों में दिल्ली में बड़ी सफलता हासिल की और केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए रामलीला मैदान को चुना। 28 दिसंबर 2013 को जब केजरीवाल रामलीला मैदान में आए, तो माहौल बिल्कुल अलग था। उनके भाषण में सत्ता के प्रति एक नर्मी महसूस हो रही थी। पहले जो टोपी पर 'मैं भी अन्ना' लिखा था, वह अब बदलकर 'मैं हूं आम आदमी' हो गया था।

अब बीजेपी का मुख्यमंत्री इसी मैदान में लेगा शपथ 

बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है, और ये जीत उनके लिए बहुत खास है। रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। इसमें तीन मंच बनाए जाएंगे – एक बड़ा मंच जो 40×24 फीट का होगा, और दो छोटे मंच जो 34×40 फीट के होंगे। इन मंचों पर करीब 100 से 150 कुर्सियां रखी जाएंगी। वहीं, आम लोगों के लिए 30 हजार कुर्सियां लगाई जाएंगी।

हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता से बाहर किया। AAP जो 10 साल से दिल्ली में शासन कर रही थी, इस बार केवल 22 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। इसके साथ ही बीजेपी 1993 के बाद पहली बार दिल्ली में सरकार बना रही है।

 

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