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बांग्लादेश ने थामा चीन का हाथ, निकालेगा तेल… भारत के खिलाफ खड़ा हो रहा नया गठबंधन

तेल, रणनीति और भरोसा...बांग्लादेश की नई चाल से चीन को बढ़त, भारत को सोचना होगा दो कदम आगे
03:01 PM May 24, 2025 IST | Rajesh Singhal
तेल, रणनीति और भरोसा...बांग्लादेश की नई चाल से चीन को बढ़त, भारत को सोचना होगा दो कदम आगे

Bangladesh oil discovery: भारत और बांग्लादेश के रिश्ते वर्तमान में ठीक  नहीं चल रहे हैं। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बनी मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार भारत विरोधी कामों में लगी  हुईं है। इस काम में उसे चीन का खूब साथ मिल रहा है। चीन के प्रभाव में आकर यूनुस ऐसे काम करने में लगे हैं जो उनके देश के लिए आत्मघाती साबित होंगे।  बांग्लादेश लगातार भारतीय एक्सपोर्ट पर पाबंदियां लगा रहा है। Bangladesh oil discovery)पिछले हफ्ते भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ऐसे उपाय किए हैं जिससे बांग्लादेश का करीब 42% एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ है। इस पर जानकारों का कहना है कि बांग्लादेश ने राजनीति और व्यापार को मिलाकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है।

बांग्लादेश से आयात पर सख्ती

भारत ने बांग्लादेश से भूमि बंदरगाहों के जरिए होने वाले आयात पर नियंत्रण लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत के हितों के खिलाफ काम कर रही बांग्लादेश सरकार और कट्टरपंथी प्रभाव के चलते उठाया गया है। इस फैसले से 77 करोड़ डॉलर यानी करीब 42% आयात प्रभावित होगा। अब बांग्लादेश रेडिमेड कपड़े केवल कोलकाता और मुंबई पोर्ट से ही भारत भेज सकेगा, जिससे व्यापारिक समीकरण बदल सकते हैं।

बांग्लादेश जिस तरह चीन की गोद में..

अब तक बांग्लादेश से भारत आने वाले 93% रेडिमेड गारमेंट 11 लैंड बॉर्डर पोस्ट से आते थे। लेकिन अब उन्हें बंद कर दिया गया है। इसी तरह कई और चीजों की आवाजाही भी लैंड बॉर्डर पोस्ट के जरिए रोक दी गई है। इनमें कार्बोनेटेड ड्रिंक, प्रोसेस्ड फूड, लकड़ी का फर्नीचर, पीवीसी गुड्स और कॉटन वेस्ट शामिल है।

बांग्लादेश पिछले कुछ समय से भारतीय सामानों पर तरह-तरह की पाबंदियां लगा रहा था। इसके जवाब में भारत सरकार ने यह कार्रवाई की है। बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने पिछले कुछ समय में भारत के प्रति जो बेरुखी दिखाई गई है, उसे देखते हुए भारत ने फिलहाल मामूली कदम उठाए हैं। मगर बांग्लादेश जिस तरह चीन की गोद में बैठकर भारत के खिलाफ काम कर रहा है, उससे भविष्य में दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ सकती है।

बदलती राजनीतिक दिशा...चीन की बढ़ती नजदीकी

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में यह बदलाव बांग्लादेश में राजनीतिक परिवर्तन के बाद सामने आया है। अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से नई अंतरिम सरकार, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की भूमिका अहम मानी जा रही है, चीन के साथ अधिक नजदीकी दिखा रही है। हाल ही में बांग्लादेश ने चीन के साथ 2.1 अरब डॉलर के नए समझौते किए हैं, जो भारत के लिए एक रणनीतिक चिंता का विषय बन सकते हैं।

जानिए क्यों बिगड़े गए रिश्ते

हसीना के दौर में दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्ते थे। भारत ने ट्रेड में बांग्लादेश को जिस तरह की रियायतें दे रखी थीं, उससे उसे काफी फायदा हुआ। शराब और तंबाकू को छोड़कर बांग्लादेश से होने वाले सभी तरह के आयात पर कोई टैरिफ नहीं लगता था। लेकिन शेख हसीना के जाने के बाद हालात बदल गए। हसीना ने भारत में शरण ले रखी है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रर्त्यपण की मांग की है। लेकिन भारत सरकार ने इसे नहीं माना है। इस कारण भारत को नीचा दिखाने के लिए बांग्लादेश की सरकार चीन की गोद में जाकर बैठ गई है।

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