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असम में कांग्रेस का बड़ा दांव! चुनाव से पहले ढूंढी हिमंत की काट...एक तीर से किए कई निशाने

चुनाव से पहले कांग्रेस का चौंकाने वाला कदम, हिमंत की पकड़ तोड़ने की तैयारी, एक चाल से कई सियासी वार
12:26 PM May 27, 2025 IST | Avdesh
चुनाव से पहले कांग्रेस का चौंकाने वाला कदम, हिमंत की पकड़ तोड़ने की तैयारी, एक चाल से कई सियासी वार

Assam Assembly Election 2026: असम में 2026 के विधानसभा चुनाव की सियासी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई के बीच तीखी सियासी जंग छिड़ी हुई है। सरमा कई महीनों से गोगोई और उनकी ब्रिटिश मूल की पत्नी एलिजाबेथ पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं, यहाँ तक कि उन्हें पाकिस्तान समर्थक बताने और आईएसआई से कथित संबंधों का आरोप लगाने में जुटे हैं।

इस बीच, कांग्रेस ने गौरव गोगोई को असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर सरमा को सीधे चुनौती दी है। यह कदम दर्शाता है कि कांग्रेस न केवल 2026 के चुनाव में मजबूती से उतरना चाहती है,(Assam Assembly Election 2026) बल्कि 10 साल के सियासी वनवास को खत्म करने के लिए गंभीर है। गोगोई के साथ तीन कार्यकारी अध्यक्षों—जाकिर हुसैन सिकदर (बंगाली मुस्लिम), प्रदीप सरकार (बंगाली हिंदू), और रोसलिना टिर्की (अनुसूचित जनजाति)—की नियुक्ति कर कांग्रेस ने असम के प्रमुख समुदायों, जैसे मुस्लिम, आदिवासी, बंगाली हिंदू और असमिया ब्राह्मणों, को साधने की रणनीति अपनाई है।

असम में अब गोगोई vs सरमा!

गौरव गोगोई और हिमंत सरमा के बीच की सियासी दुश्मनी पुरानी है। सरमा, जो कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता थे और गौरव के पिता तरुण गोगोई के नेतृत्व में उभरे थे, ने गौरव के सियासी उभार को देखकर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी।

इसके बाद भी उनकी गोगोई से अदावत बरकरार रही। कांग्रेस ने अब गोगोई को कमान सौंपकर साफ कर दिया है कि वह सरमा की आक्रामक सियासत का उसी अंदाज में मुकाबला करेगी।

2026 में गोगोई होंगे कांग्रेस का चेहरा!

कांग्रेस ने गौरव गोगोई को चेहरा बनाकर 2026 का चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है। पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं को भी अहम जिम्मेदारियां सौंपकर एकजुटता दिखाई है।

भूपेन कुमार बोरा को चुनाव अभियान समिति, देबब्रत सैकिया को समन्वय समिति, प्रद्युत बोरडोलोई को घोषणा पत्र समिति, और रकीबुल हसन को प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया है। यह कदम कार्यकर्ताओं में जोश भरने और पार्टी के गिरते मनोबल को ऊंचा करने की कोशिश है।

असम से कांग्रेस के पास मजबूत चेहरा

2024 के लोकसभा चुनाव में गोगोई ने जोरहाट सीट पर बीजेपी के सांसद को 1.44 लाख वोटों से हराकर अपनी ताकत दिखाई थी, जबकि सरमा ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की थी। गोगोई की यह जीत कांग्रेस के लिए हौसले का सबब बनी।

अब असम का चुनावी रण सरमा बनाम गोगोई की जंग में तब्दील हो चुका है। गोगोई का प्रभाव ऊपरी असम में मजबूत है, जबकि सरमा का अपना सियासी कद और बीजेपी का संगठनात्मक ढांचा उनकी ताकत है। 2026 का यह चुनाव न केवल सियासी, बल्कि व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोपों के लिहाज से भी बेहद तीखा होने की उम्मीद है।

 

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