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'मैंने भी पेशाब पी है': अनु अग्रवाल ने परेश रावल के दावे का किया समर्थन, बोलीं- ये स्किन के लिए होता है फायदेमंद

अनु अग्रवाल ने पेशाब पीने को हेल्दी बताया, योग की 'आम्रोली' प्रथा का हवाला दिया। डॉक्टर्स ने चेताया—ये आदत शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।
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हाल ही में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल ने अपने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्होंने घुटने की चोट से उबरने के लिए अपना पेशाब पिया था। इस बयान ने सोशल मीडिया और जनता के बीच तहलका मचा दिया। अब 'आशिकी' फेम अभिनेत्री अनु अग्रवाल ने भी परेश के इस दावे का समर्थन करते हुए कहा है कि पेशाब पीना न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह एंटी-एजिंग में भी मदद करता है। अनु ने इसे योग की प्राचीन प्रथा 'आम्रोली' का हिस्सा बताया।

"पेशाब पीना हठ योग की मुद्रा का पार्ट": अनु अग्रवाल

इंस्टेंट बॉलीवुड को दिए एक साक्षात्कार में अनु अग्रवाल ने कहा कि कई लोग इसके बारे में नहीं जानते, चाहे यह अज्ञानता हो या जागरूकता की कमी, लेकिन पेशाब पीना, जिसे आम्रोली कहा जाता है, हठ योग में एक महत्वपूर्ण मुद्रा है। मैंने इसे खुद आजमाया है और यह एक बहुत ही जरूरी अभ्यास है।" उन्होंने आगे बताया कि इसमें पूरी पेशाब की धार नहीं पी जाती, बल्कि केवल मध्य भाग, जिसे 'अमृत' माना जाता है, का सेवन किया जाता है। अनु के अनुसार, यह अभ्यास स्किन को झुर्रियों से मुक्त रखता है और बुढ़ापे को रोकने में मदद करता है।

जब उनसे पूछा गया कि विज्ञान इस प्रथा का समर्थन नहीं करता, तो अनु ने जवाब दिया कि विज्ञान कितना पुराना है? 200 साल। लेकिन योग 10,000 साल से अधिक पुराना है। आप किसकी बुद्धि पर भरोसा करेंगे? मैं योग को मानती हूं और इसे जीती हूं।"

परेश रावल ने यूरीन को लेकर क्या बोला था

परेश रावल ने एक मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में बताया था कि 1996 में फिल्म 'घातक' की शूटिंग के दौरान एक सीन में अभिनेता राकेश पांडे के साथ काम करते समय उनके घुटने में गंभीर चोट लग गई थी। उन्हें डैनी डेन्जोंगपा और टीनू आनंद ने मुंबई के नानावटी अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में उनकी मुलाकात एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन से हुई, जिन्होंने उन्हें सुबह का पहला पेशाब पीने की सलाह दी। वीरू ने कहा, "सभी फाइटर ऐसा करते हैं। इससे कोई समस्या नहीं होगी।" परेश ने इस सलाह को गंभीरता से लिया और 15 दिनों तक इसे "बीयर की तरह" पीने का दावा किया।

परेश के अनुसार, इस प्रक्रिया के बाद उनके ठीक होने की गति इतनी तेज थी कि डॉक्टर भी हैरान रह गए। उनके एक्स-रे में घुटने की हड्डी में अप्रत्याशित सुधार दिखा, और उन्हें अनुमान से डेढ़ महीने पहले अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

चिकित्सा विशेषज्ञों का क्या कहना है?

हालांकि परेश रावल और अनु अग्रवाल के इन दावों ने चर्चा को जन्म दिया है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों ने पेशाब पीने की प्रथा के खिलाफ चेतावनी दी है। डॉ. सिरियक एबी फिलिप्स, जिन्हें सोशल मीडिया पर 'द लिवर डॉक' के नाम से जाना जाता है, ने परेश रावल की आलोचना करते हुए कहा कि पेशाब शरीर का अपशिष्ट है, जिसमें बैक्टीरिया, टॉक्सिन्स और हानिकारक पदार्थ होते हैं। इसे पीने से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं है, बल्कि यह नुकसान पहुंचा सकता है।"

डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति, एक बेंगलुरु-आधारित कार्डियोलॉजिस्ट, ने भी इस प्रथा को अस्वीकार करते हुए कहा कि पेशाब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह शरीर से निकाले गए अपशिष्ट को वापस लेने जैसा है।" चिकित्सा समुदाय का कहना है कि पेशाब में 95% पानी और 5% टॉक्सिन्स जैसे यूरिया और क्रिएटिनिन होते हैं, जिन्हें फिर से शरीर में लेने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।

प्राचीन प्रथा बनाम आधुनिक विज्ञान

पेशाब पीने की प्रथा, जिसे उरोथेरेपी या आम्रोली के नाम से जाना जाता है, प्राचीन काल से विभिन्न संस्कृतियों में मौजूद रही है। भारत, मिस्र, रोम और ग्रीस में इसे औषधीय और कॉस्मेटिक लाभों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। अनु और परेश जैसे हस्तियों के समर्थन ने इस प्रथा को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, लेकिन आधुनिक विज्ञान इसे अस्वीकार करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी प्रथाओं को अपनाने से पहले वैज्ञानिक प्रमाणों पर ध्यान देना चाहिए।

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