डायबिटीज को दी मात! अमित शाह ने बताया कैसे छोड़ी दवाएं और इंसुलिन – जानिए शाह का सीक्रेट फॉर्मूला
वर्ल्ड लिवर डे 2025 पर दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेस (ILBS) में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी हेल्थ जर्नी का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मई 2020 से अपनाए रूटीन ने उन्हें 5 साल से एलोपैथिक दवाओं और इंसुलिन से मुक्त कर दिया। बैलेंस्ड डाइट, पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम, और पानी ने उनकी सेहत को नया जीवन दिया है। शाह ने युवाओं से इस रूटीन को अपनाकर स्वस्थ रहने की अपील की, ताकि वे देश के विकास में योगदान दे सकें। आइए, इसे और विस्तार से सरल भाषा में समझें।
अमित शाह का क्या है हेल्थ रूटीन?
2020 तक शाह डायबिटीज के लिए दवाएँ और इंसुलिन लेते थे, लेकिन मई 2020 से उन्होंने जीवनशैली बदली। रोज 6-7 घंटे नींद, पोषक तत्वों से भरपूर डाइट, 2 घंटे व्यायाम, और पर्याप्त पानी ने उनकी सेहत को बदल दिया। सुबह पतंजलि का गिलोय-आंवला जूस और ट्रांस फैट-शुगर से परहेज उनकी डाइट का हिस्सा है। इस रूटीन से उन्होंने 20 किलो वजन घटाया और डायबिटीज को कंट्रोल किया।
Food का डायबिटीज समेत लिवर हेल्थ पर असर
वर्ल्ड लिवर डे 2025 की थीम "Food is Medicine" के मुताबिक, शाह का रूटीन डायबिटीज और लिवर हेल्थ के लिए आदर्श है। उनकी बैलेंस्ड डाइट और व्यायाम ने इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधारी, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल हुआ। फाइबर, ओमेगा-3, और प्रोबायोटिक्स (जैसे दही, किमची) से भरपूर डाइट ने लिवर को डिटॉक्सिफाई किया, जिससे NAFLD का जोखिम कम हुआ। यह लाइफस्टाइल हृदय रोग और लिवर कैंसर जैसे खतरे भी घटाती है।
युवाओं के लिए शाह ने क्या संदेश दिया?
ILBS के कार्यक्रम में शाह ने युवाओं से कहा कि स्वस्थ रहकर वे 40-50 साल तक देश की सेवा कर सकते हैं। उन्होंने रोज 2 घंटे मॉर्निंग वॉक, योग, या रेसिस्टेंस ट्रेनिंग, 6 घंटे नींद, और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड (जैसे साबुत अनाज, हरी सब्जियाँ) खाने की सलाह दी।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की क्या है राय?
बता दें कि एक्सपर्ट्स शाह के रूटीन को डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए वैज्ञानिक रूप से सही मानते हैं। फाइबर (जैसे ओट्स, दाल), लीन प्रोटीन (जैसे पनीर), और लो-GI फूड (जैसे सेब, बेरीज) ब्लड शुगर को स्थिर रखते हैं। रोज 30 मिनट की वॉक भी शुगर लेवल कम कर सकती है, जैसा कि अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन कहता है। 7-8 घंटे की नींद स्ट्रेस हार्मोन को कंट्रोल करती है, और अल्कोहल-शुगर से परहेज NAFLD को रोकता है।
क्यों खास है शाह का अनुभव?
शाह का अनुभव इसलिए प्रेरणादायक है, क्योंकि उन्होंने 58 की उम्र में, व्यस्त राजनीतिक जीवन के बावजूद, डायबिटीज को कंट्रोल किया। उनकी सलाह न सिर्फ डायबिटीज मरीजों, बल्कि सभी के लिए है। यह साबित करता है कि छोटे बदलाव, जैसे मॉर्निंग वॉक और माइंडफुल ईटिंग, बड़े रिजल्ट दे सकते हैं। शाह का यह मंत्र वर्ल्ड लिवर डे 2025 की थीम "Food is Medicine" को भी मजबूत करता है।
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