Air Defense System: अब नहीं बचेंगे दुश्मन के ड्रोन और जेट! भारतीय सेना को मिला नया एयर डिफेंस सिस्टम
Air Defense System: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर से चिंता बढ़ा दी है। ऐसे समय में भारतीय सेना ने अपनी ताकत में बड़ा इजाफा किया है। अब सेना के पास एक ऐसा आधुनिक हथियार आ गया है जो दुश्मन के ड्रोन और फाइटर जेट को उड़ान भरते ही हवा में मार गिराने की क्षमता रखता है। इसका नाम है Igla-S एयर डिफेंस सिस्टम।
भारतीय सेना को रूस से उन्नत इग्ला-एस (Igla-S) मिसाइल मिल गई। यह मिसाइल एक पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे सैनिक अपने कंधे पर रखकर चला सकते हैं। यानी यह एक मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) है। इग्ला-एस को खासतौर पर कम ऊंचाई पर उड़ रहे लक्ष्यों जैसे ड्रोन, फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और क्रूज मिसाइल को गिराने के लिए तैयार किया गया है।
क्यों खास है इग्ला-एस? जानिए इसकी ताकत
रेंज: नई इग्ला-एस की मारक क्षमता करीब 6 किलोमीटर है, जबकि पहले वाली इग्ला सिर्फ 3-4 किलोमीटर तक ही असरदार थी।
सटीकता: यह सिस्टम 'लॉक-ऑन' तकनीक पर आधारित है, यानी लक्ष्य को ट्रैक कर सीधे उस पर वार करता है।
आखिरी रक्षा पंक्ति: अगर यह मिसाइल भी निशाना चूक जाए तो दुश्मन का हमला तय है। इसलिए इसे 'लास्ट लाइन ऑफ डिफेंस' माना जाता है।
फुर्तीला और हल्का: सैनिक इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं, जिससे सीमावर्ती इलाकों में तुरंत तैनाती संभव हो जाती है।
ड्रोन और हवाई खतरे से निपटने में मिलेगा फायदा
आज के युद्ध में सबसे बड़ा खतरा है — ड्रोन हमला और सीमावर्ती हवाई निगरानी। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश अक्सर भारतीय सीमाओं के पास निगरानी ड्रोन भेजते रहे हैं। इग्ला-एस की तैनाती से अब ऐसे खतरों का जवाब कुछ ही सेकंड में दिया जा सकता है। यह सिस्टम दुश्मन के छोटे से छोटे ड्रोन को भी ट्रैक करके तबाह कर सकता है। पश्चिमी (पाकिस्तान) और उत्तरी (चीन) सीमाओं पर भारत को लगातार खतरे का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में Igla-S सिस्टम की तैनाती से इन दोनों मोर्चों पर भारतीय सेना की शक्ति बढ़ गई है। पाकिस्तान की ओर से अगर कोई ड्रोन या फाइटर जेट सीमा पार करता है, तो Igla-S उसे तुरंत गिरा सकता है। चीन की तरफ से की जाने वाली निगरानी गतिविधियों का भी अब तगड़ा जवाब मिलेगा। रूस की Rosoboronexport कंपनी अब भारत की एक निजी रक्षा कंपनी के साथ मिलकर Igla-S का निर्माण भारत में ही करेगी। इससे देश को दो बड़े फायदे मिलेंगे।
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