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1971 की जंग: इतने दिन में खत्म हो गए थे पाकिस्तानी सेना के हथियार, ऐसे टेके थे घुटने

1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान को 13 दिन में घुटनों पर ला दिया। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 93,000 पाक सैनिकों ने सरेंडर किया और बांग्लादेश बना।
08:22 AM May 03, 2025 IST | Girijansh Gopalan

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से भारत को धमकियां मिल रही हैं। सिंधु जल समझौता टूटने के बाद तो वो और बौखलाया हुआ है। उनके नेता उल्टा-सीधा बोल रहे हैं, कह रहे हैं कि अगर पानी नहीं बहेगा तो खून बहेगा। लेकिन लगता है पाकिस्तान भूल गया कि 1971 में भारत ने उसका घमंड कैसे तोड़ा था। वो जंग, जब भारत ने सिर्फ 13 दिन में Pakistani Army को घुटनों पर ला दिया था और बांग्लादेश बन गया।

तीन बार मुंह की खा चुका है पाकिस्तान

भारत-पाकिस्तान के बीच अब तक तीन बार जंग हो चुकी है - 1965, 1971 और 1999। हर बार पाकिस्तान को शिकस्त मिली। लेकिन 1971 की जंग तो ऐसी थी, जिसने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया। तत्कालीन PM इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने ऐसा धोया कि पाकिस्तानी जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी समेत 93,000 सैनिकों को सरेंडर करना पड़ा।

कैसे शुरू हुई 1971 की जंग?

1947 में जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तो पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। लेकिन इन दोनों में कोई तालमेल ही नहीं था। संस्कृति, सोच, सबकुछ अलग। पश्चिमी पाकिस्तान वाले पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को सौतेला व्यवहार देते थे। इससे तंग आकर पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी बनी, जिसे भारतीय सेना का पूरा साथ मिला। ये बात पाकिस्तान को चुभ गई और उसने भारत के खिलाफ जंग छेड़ दी।

13 दिन में पाकिस्तान का घमंड चूर

पाकिस्तान को दो भ्रम थे। पहला, वो कश्मीर हथिया लेगा। दूसरा, पूर्वी पाकिस्तान से भारतीय सेना का दबाव हट जाएगा। इसी गलतफहमी में उसने 3 दिसंबर 1971 की रात राजस्थान बॉर्डर से भारत पर हमला कर दिया। उस वक्त इंदिरा गांधी PM थीं। उन्होंने भारतीय सेना को फुल पावर के साथ जवाब देने का ऑर्डर दिया। फिर क्या, भारतीय सेना ने 13 दिन में पाकिस्तान को धूल चटा दी। 16 दिसंबर 1971 को 93,000 Pakistani सैनिकों ने हथियार डाल दिए। पाकिस्तान का गुरूर मिट्टी में मिला और बांग्लादेश का जन्म हुआ।

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