Sunday, July 20, 2025
  • ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

कौन हैं जॉर्ज सोरोस? जिन्होंने बढ़ाई भारत में सियासी हलचल, कश्मीर से क्या है कनेक्शन

सांसद निशिकांत दुबे ने ने कहा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और उनकी पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के जॉर्ज सोरोस से संबंध हैं। बता दें कि यह संगठन भारत विरोधी बयान देता है।
featured-img
जॉर्ज सोरोस कौन हैं, जिनका कनेक्शन सोनिया गांधी से है।

झारखंड के गोड्डा से सांसद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गांधी परिवार पर बड़ा आरोप लगाया है। दरअसल सांसद निशिकांत दूबे ने कहा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और उनकी पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के जॉर्ज सोरोस से संबंध हैं, जबकि सोरोस की ओर से फंडेड एक संगठन लगातार भारत के खिलाफ साजिश रचता है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि जॉर्ज सोरोस कौन है और भारतीय राजनीति में इस नाम का इतना जिक्र क्यों हो रहा है।

जॉर्ज सोरोस कौन हैं?

विश्वकोश ब्रिटानिका के मुताबिक सोरोस का जन्म हंगरी के बुडापेस्ट में 1930 में एक संपन्न यहूदी परिवार में हुआ था। वहीं सोरोस ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अपनी पढ़ाई की है, इसके लिए उन्हें रेलवे पोर्टर और वेटर के रूप में काम करना पड़ा था। लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर जब यहूदियों को यातना शिविरों में भेज रहा था, तब उससे बचने के लिए सोरोस परिवार से अलग रहने को मजबूर हुए थे। वहीं 1947 में वो परिवार के साथ लंदन चले गये थे, जहां उन्होंने दर्शनशास्त्र में पढ़ाई पूरी की और दार्शनिक बनने की योजना बनाई थी।  बता दें कि जॉर्ज सोरोस का फाउंडेशन कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के विचार का समर्थन करता है।

दार्शनिक बनना चाहते थे सोरोस

जानकारी के मुताबिक सोरोस दार्शनिक बनने और अपने लिए कुछ फंड जुटाने का प्लान बनाया था। इस क्रम में उन्होंने पहले लंदन मर्चेंट बैंक में काम किया था, जिसके बाद 1956 में वह न्यूयॉर्क पहुंचे और वहां यूरोपीय प्रतिभूतियों के विश्लेषक (एनालिस्ट) के रूप में काम शुरू किया था। जॉर्ज सोरोस पर 1997 में थाईलैंड की मुद्रा (बाहट) पर सट्टा लगाकर उसे कमजोर करने के भी आरोप लगे थे, लेकिन सोरोस ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया है। इतना ही नहीं इसके बाद इनका नाम उस समय शुरू हुए वित्तीय संकट से जोड़ा गया था, जो पूरे एशिया में फैल गया था।

18 अरब डॉलर से ज्यादा यहां किया दान

सोरोस ने 1984 में अपनी संपत्ति के कुछ हिस्सों का उपयोग करके ओपन सोसायटी फाउंडेशन नामक एक एनजीओ की स्थापना की थी। वहीं 1969 से 2001 तक जॉर्ज सोरोस ने एक प्रसिद्ध हेज फंड टाइकून के रूप में न्यूयॉर्क में ग्राहकों के धन का प्रबंधन किया था। इतना ही नहीं सोरोस ने 2010 में ह्यूमन राइट्स वॉच को 100 मिलियन डॉलर दान में दिए थे। ब्रिटानिका के मुताबिक ओपन सोसायटी फाउंडेशन 21वीं सदी की शुरुआत से 70 से अधिक देशों में काम कर रहा है। इसके अलावा 2017 में ऐसी खबरें आई थीं कि सोरोस ने हाल के वर्षों में ओपन सोसायटी फाउंडेशन को करीब 18 अरब डॉलर दिए हैं।

बैंक आफ इंग्लैंड को बर्बाद करने का आरोप

सोरोस पर आरोप लगता है कि बैंक आफ इंग्लैंड को बर्बाद करने में उनकी भूमिका सबसे अहम थी। जी हां, बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने से उनका नाम जोड़ा जाता है। सोरोस को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बड़ा आलोचक माना जाता है। 2020 में दावोस में विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी। वहीं बीजेपी अब सोरोस से कांग्रेस नेताओं के संबंध होने और उसके भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगा रही है।

ट्रेंडिंग खबरें

15,000+ MW क्षमता के साथ अडानी ग्रीन एनर्जी बनी भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी फर्म

India US Trade Deal: डोनाल्ड ट्रंप के भारत-अमेरिका ट्रेड डील वाले बयान पर वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया, '...कुछ शर्तें होंगी लागू'

कर्नाटक में सियासी उठापटक के बीच मल्लिकार्जुन खरगे का बड़ा बयान, मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कही ये बात

Hyderabad Factory Blast: केमिकल फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, 10 लोगों की दर्दनाक मौत

Hanuman Worship: रोज़ाना हनुमान कवच पढने से अकाल मृत्यु का हटता है भय

Shirdi Trip: शिरडी जाने का है प्लान तो इन खूबसूरत जगहों को बिल्कुल ना करें मिस

Weather Update: मूसलाधार बारिश को लेकर इन राज्यों में रेड अलर्ट, मानसून सीजन में उफान पर नदी-नाले

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज