ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बिगड़ी अमेरिका की इकोनॉमी!, आर्थिक चुनौतियां से जूझ रहा US
US Economic: हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर भारी टैरिफ का एलान किया था। उसके बाद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई देशों के निशाने पर आ गए हैं। अगर बात करें भारत की तो ट्रंप ने 25% टैरिफ लगाने का एलान किया। डोनाल्ड ट्रंप यहीं नहीं रुके और उन्होंने भारत पर तंज कसते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड बताया। लेकिन हकीकत पर गौर करें तो खुद दुनिया का ये शक्तिशाली देश आर्थिक चुनौतियां से जूझ रहा रहा है।
बिगड़ी अमेरिका की इकोनॉमी!
अमेरिका आर्थिक चुनौतियां से पिछले काफी समय से जूझ रहा था। लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका की इकोनॉमी काफी बिगड़ चुकी है। इसके अलावा कई देशों से उनके रिश्तों में आई खटास से देश में महंगाई बढ़ती दिखाई दे रही है। एक समय था जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति दुनिया में सबसे अच्छी थी। लेकिन अब धीरे-धीरे इस शक्तिशाली देश को आर्थिक हालात से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा ट्रंप की नीतियों के प्रभावों को लेकर चिंताजनक स्थिति बन गई है।
अमेरिका में नौकरियों में भारी कमी
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप ने देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का वादा किया था। लेकिन इसके उलट अमेरिकी इकोनॉमी के हालात इस समय चिंताजनक बने हुए है। पिछले आठ महीनों में अमेरिका में ट्रंप की नीतियों के चलते वहां नौकरियों में भारी कमी देखने को मिल रही है। कई बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने अस्तित्व को बचाने के प्रयास में लगी है। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नीतियों में सुधार नहीं किया तो आने वाले समय में ये संकट काफी गहरा होगा।
सामने आए ये चिंताजनक आर्थिक आंकड़े
एक समय हुआ करता था जब हर किसी का अमेरिका में नौकरी का सपना होता था। लेकिन अब अमेरिका में नौकरी संकट गहरा गया है। लोग अमेरिका की जगह दूसरे देश में नौकरी करना ज्यादा पंसद कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में अमेरिका में करीब 50 हज़ार नौकरियां खत्म हुई हैं।
जो बाइडन ने दी थी चेतावनी
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के समय ही ट्रंप ने टैरिफ को अलग तरह से पेश करते हुए अमेरिका की जनता को विश्वास में लिया था। लेकिन उस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन टैरिफ को लेकर चेतावनी दी थी। जो बाइडन ने कहा था कि ट्रंप की टैरिफ नीति का बोझ अमेरिका की जनता पर पड़ेगा। फिलहाल कुछ वैसा ही होता नज़र भी आ रहा हैं।
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