यूक्रेन का स्पाइडर वेब: रूस के 4,500 किमी अंदर घुसकर कैसे किया गया सबसे बड़ा ड्रोन अटैक? जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी
तीन साल से जारी युद्ध में यूक्रेन ने 1 जून को वह कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। यूक्रेनी सेना ने रूस के 40 से अधिक सैन्य ठिकानों पर एक साथ ड्रोन हमले करके इतिहास रच दिया। यह हमला इतना बड़ा था कि रूस का शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम भी इसे रोकने में नाकाम रहा। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि यूक्रेन ने रूस के आर्कटिक क्षेत्र से लेकर साइबेरिया तक फैले एयरबेस पर हमला किया, जिनमें से कुछ यूक्रेन की सीमा से 4,500 किलोमीटर दूर थे। यूक्रेन ने इस ऑपरेशन को 'स्पाइडर वेब' नाम दिया, और इसने रूसी वायुसेना के करीब 7 अरब डॉलर के विमानों को निशाना बनाया।
रूस का एयर डिफेंस क्यों नहीं रोक पाया हमला?
रूस के पास दुनिया के सबसे उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम हैं, फिर भी वह यूक्रेन के ड्रोन हमलों को रोकने में क्यों नाकाम रहा? इसकी कई वजहें सामने आई हैं। पहली वजह यह है कि रूस ने कभी नहीं सोचा था कि यूक्रेन उसके इतने अंदर तक हमला कर सकता है।
7 млрд. доларів США. Така орієнтовна вартість стратегічної авіації ворога, яка була вражена сьогодні в результаті спецоперації СБУ «Павутина».
Вражено 34% стратегічних носіїв крилатих ракет на основних аеродромах базування рф.
Слава Україні! Героям Слава! 🇺🇦 pic.twitter.com/XvCXNxv0TJ
— СБ України (@ServiceSsu) June 1, 2025
रूसी वायुसेना के सबसे कीमती विमान, जैसे Tu-95 और Tu-160 बॉम्बर्स, खुले में पार्क किए गए थे, क्योंकि रूस को लगता था कि यूक्रेन के पास इतनी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें नहीं हैं। दूसरी वजह यह थी कि यूक्रेन ने ड्रोन्स को इतनी कम ऊंचाई पर उड़ाया कि रूस के रडार उन्हें डिटेक्ट ही नहीं कर पाए। तीसरा और सबसे बड़ा कारण यह था कि यूक्रेन ने इन ड्रोन्स को रूस के अंदर से ही लॉन्च किया, जिससे रूसी सेना को किसी भी हमले की भनक तक नहीं लगी।
यूक्रेन ने कैसे छुपाए थे ड्रोन, कैसे किया था अटैक?
यूक्रेन ने इस हमले की तैयारी करीब 18 महीने पहले से शुरू कर दी थी। यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी SBU ने ड्रोन्स को लकड़ी के बक्सों में छुपाकर ट्रकों के जरिए रूस के अंदर पहुंचाया। हैरानी की बात यह है कि इन ट्रकों के ड्राइवरों को भी नहीं पता था कि वे क्या ले जा रहे हैं।
Ukraine's drone strike on 🇷🇺 airfields hits at the core of #Russia's pride. Nuclear bombers have been the elite of their military might since Soviet era.
More than the damage itself, it’s the attack’s success and Russia’s security failure that matter.@EPPGroup #Ukraine pic.twitter.com/Av3wfcUx41
— Riho Terras (@RihoTerras) June 2, 2025
उन्हें बस फोन पर निर्देश दिया गया कि ट्रक को कहां पार्क करना है। जब ड्रोन्स ने उड़ान भरी, तो ड्राइवर भी हैरान रह गए। यूक्रेन ने इस ऑपरेशन के लिए 117 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, जिन्हें रिमोट से कंट्रोल किया गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया कि इस हमले में रूस के 34% क्रूज मिसाइल कैरियर्स को नष्ट कर दिया गया।
क्या अब बदल जाएगा युद्ध का रुख?
इस हमले ने रूस को सैन्य और मनोबल दोनों स्तर पर झटका दिया है। रूस के पास Tu-95 और Tu-160 जैसे बॉम्बर्स की संख्या सीमित है, और इन्हें बनाने की तकनीक अब उपलब्ध नहीं है। यूक्रेन ने दावा किया है कि इस हमले में 27 Tu-95, 4 Tu-160, और 2 Tu-22M3 बॉम्बर्स को नुकसान पहुंचाया गया है। अगर यह सच है, तो रूस की हवाई हमले करने की क्षमता काफी कमजोर हो जाएगी।
इस हमले ने यूक्रेन को एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला जीत दिलाई है, और अब सवाल यह है कि क्या यूक्रेन इस सफलता का फायदा उठाकर युद्ध का रुख मोड़ पाएगा? रूस अब अपने एयरबेस की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्क होगा, लेकिन यूक्रेन ने यह साबित कर दिया है कि वह रूस के अंदर कहीं भी हमला कर सकता है। अब देखना यह है कि रूस इसका जवाब कैसे देता है।
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