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पुतिन अड़े हैं, यूरोप परेशान, ट्रंप बेअसर! आखिर कब थमेगी यूक्रेन-रूस की ये जंग?

तुर्किए में रूस-यूक्रेन वार्ता विफल, पुतिन गैरहाज़िर रहे। रूस ने ज़ेलेंस्की का युद्धविराम प्रस्ताव ठुकराया, पश्चिमी प्रयास फिर नाकाम।
03:14 PM May 17, 2025 IST | Rohit Agrawal
तुर्किए में रूस-यूक्रेन वार्ता विफल, पुतिन गैरहाज़िर रहे। रूस ने ज़ेलेंस्की का युद्धविराम प्रस्ताव ठुकराया, पश्चिमी प्रयास फिर नाकाम।

तीन साल से जारी यूक्रेन-रूस युद्ध का अंत आज भी नजर नहीं आ रहा। तुर्किए में हुई ऐतिहासिक वार्ता भी बेनतीजा रही, जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की तो मौजूद थे, लेकिन पुतिन नहीं दिखे। यूरोपीय नेताओं ने एक महीने के युद्धविराम की मांग की, लेकिन रूस ने साफ मना कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो 24 घंटे में जंग खत्म करने का दावा कर चुके हैं, इस बार भी नाकाम रहे। सवाल यह है कि आखिर क्यों नहीं थम रही यह जंग? क्या पुतिन वास्तव में शांति चाहते हैं या फिर यह सब एक रणनीति है?

तुर्किए वार्ता: क्यों नहीं बैठे पुतिन-ज़ेलेंस्की आमने-सामने?

16 मई को इस्तांबुल में तीन साल में पहली बार रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधि सीधी वार्ता के लिए एक मेज पर आए। तुर्की विदेश मंत्री हाकन फिदान ने मध्यस्थता की, लेकिन पुतिन ने खुद शिरकत नहीं की। यूक्रेन ने तत्काल युद्धविराम और पुतिन-ज़ेलेंस्की वार्ता की मांग की, जबकि रूस ने सिर्फ कैदियों की अदला-बदली पर सहमति दी। रूस की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हुई, जिससे साफ हो गया कि मॉस्को अभी युद्ध रोकने के मूड में नहीं है।

यूरोप की हताशा: क्यों नहीं मान रहे पुतिन?

फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और पोलैंड ने एक महीने के युद्धविराम का प्रस्ताव रखा, लेकिन पुतिन ने इसे खारिज कर दिया। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इसे "अस्वीकार्य" बताया, तो ब्रिटेन के PM कीर स्टार्मर ने चेतावनी दी कि पुतिन को इसकी कीमत चुकानी होगी। लेकिन रूसी राष्ट्रपति पर इन धमकियों का कोई असर नहीं हुआ। उल्टे, रूस ने नई मांग रखी कि यूक्रेन उन इलाकों को सौंप दे, जो अभी तक रूस के कब्ज़े में भी नहीं हैं। ड्रोन तस्वीरों से पता चलता है कि रूस पूर्वी यूक्रेन में गर्मियों में बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है।

ट्रम्प की मध्यस्थता फेल: क्यों नहीं थमा पा रहे जंग?

डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन संकट को हल करने का दावा किया था, लेकिन उनकी मध्यस्थता भी नाकाम रही। ट्रम्प ने पुतिन से सीधी बातचीत की कोशिश की, लेकिन रूसी राष्ट्रपति ने सिर्फ जूनियर स्तर की बैठक को मंजूरी दी। ट्रम्प ने बाद में कहा कि जब तक वह खुद पुतिन से नहीं मिलते, तब तक युद्धविराम की कोई उम्मीद नहीं है।

यूक्रेन पर दबाव डालने की ट्रम्प की नीति पर अमेरिका में ही सवाल उठ रहे हैं। उनकी पूर्व राजदूत ब्रिजेट ब्रिंक ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि ट्रम्प प्रशासन रूस से डरता है और यूक्रेन को दबाता है।

क्या अब भी संभव है यूक्रेन और रूस में शांति?

यूक्रेन युद्ध अब एक गतिरोध में फंस चुका है। पुतिन कोई रियायत देने को तैयार नहीं, ज़ेलेंस्की बिना शर्त युद्धविराम चाहते हैं, और यूरोप-अमेरिका के पास कोई ठोस रणनीति नहीं है। अगर रूस गर्मियों में नया हमला करता है, तो यह जंग और लंबी खिंच सकती है। फिलहाल, शांति की कोई ठोस संभावना नजर नहीं आ रही, और दुनिया एक बार फिर देख रही है कि कैसे एक अड़ियल नेता पूरे यूरोप को युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर सकता है।

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