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रूस-यूक्रेन जंग पर ट्रंप की बड़ी बात, बोले- पुतिन से हुई 2 घंटे की चर्चा...क्या अब थम जाएगा युद्ध?

डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की 2 घंटे की गुप्त बातचीत में यूक्रेन सीजफायर पर चर्चा, पुतिन की शर्तें और जेलेंस्की का विरोध बड़ा सवाल।
11:38 AM May 20, 2025 IST | Rohit Agrawal
डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की 2 घंटे की गुप्त बातचीत में यूक्रेन सीजफायर पर चर्चा, पुतिन की शर्तें और जेलेंस्की का विरोध बड़ा सवाल।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई 2 घंटे की गुप्त वार्ता ने यूक्रेन युद्ध को लेकर नई उम्मीद जगाई है। दरअसल ट्रंप ने दावा किया है कि दोनों देश अब सीजफायर और शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ ही यह भी स्वीकार किया कि पुतिन अपनी कड़ी मांगों पर अड़े हुए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि वे रूसी-अधिकृत क्षेत्रों से अपने सैनिकों को पीछे नहीं हटाएंगे। क्या यह वास्तव में युद्धविराम की शुरुआत होगी, या फिर यह महज एक राजनीतिक चाल है?

ट्रंप बोले–युद्ध खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा कि उनकी पुतिन के साथ हुई बातचीत "बेहद सकारात्मक" रही। उन्होंने कहा कि "रूस और यूक्रेन अब सीजफायर पर सहमत होने के लिए तैयार हैं, साथ ही युद्ध समाप्त करने की शर्तों पर भी बातचीत शुरू करेंगे।" ट्रंप ने यह भी उजागर किया कि पुतिन अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाना चाहते हैं, जिसे वे "रूस के लिए एक बड़ा अवसर" मानते हैं। हालांकि, ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि पुतिन यूक्रेन से जुड़ी अपनी कुछ शर्तों पर अडिग हैं, जिससे वार्ता की राह मुश्किल हो सकती है।

पुतिन की क्या हैं मांगें?

रूसी सरकारी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, पुतिन ने इस वार्ता को "सार्थक" बताया और ट्रंप के प्रयासों की सराहना की। पुतिन ने कहा, "रूस शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन यूक्रेन को हमारी सुरक्षा चिंताओं को समझना होगा।" विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन की यह रणनीति पश्चिमी देशों पर दबाव बनाने की है, ताकि यूक्रेन को समझौते के लिए मजबूर किया जा सके। रूस की मांगें अभी भी वही हैं कि यूक्रेन का NATO में शामिल न होना और डोनबास तथा क्रीमिया पर रूसी दावे को मान्यता।

क्या है जेलेंस्की का रुख?

ट्रंप के साथ फोन वार्ता के बाद जेलेंस्की ने स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन रूसी-नियंत्रित क्षेत्रों को छोड़ने को तैयार नहीं है। उन्होंने ट्रंप से रूस पर और प्रतिबंध लगाने की मांग की, खासकर बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्र में। जेलेंस्की का यह बयान दर्शाता है कि यूक्रेन अभी भी रूस के सामने झुकने को तैयार नहीं है। क्या यह वार्ता की प्रक्रिया को धीमा कर देगा? यूक्रेनी सरकार का कहना है कि वे केवल तभी बातचीत करेंगे जब रूस सभी यूक्रेनी भूमि से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा।

वेटिकन में हो सकती है अगली वार्ता?

ट्रंप ने संकेत दिया कि रूस और यूक्रेन के बीच अगली वार्ता वेटिकन सिटी में हो सकती है, जहां पोप फ्रांसिस भी मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। इस बीच, यूरोपीय नेताओं ने भी इस पहल का समर्थन किया है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है।

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