नाबालिगों की तस्करी और रसूखदारों से रिश्ते… कौन था जेफरी एपस्टीन, जिस पर मस्क ने ट्रंप को घेरा?
अमेरिकी राजनीति के गलियारों में जेफरी एपस्टीन नाम का एक नया भूत उभरा है। यह नाम अब सिर्फ एक मृत यौन तस्कर का नहीं, बल्कि अमेरिका के सबसे ताकतवर लोगों के गंदे राज खोलने वाली फाइलों का पर्याय बन चुका है। एलन मस्क ने जब डोनाल्ड ट्रंप पर यह आरोप लगाया कि उनका नाम एपस्टीन की सीलबंद फाइलों में है, तो यह सिर्फ दो अरबपतियों की लड़ाई नहीं रह गई, बल्कि अमेरिकी राजनीति का वह कीचड़ उछलकर सामने आ गया, जिसे दबाने में कई लोगों की जिंदगियां लग गईं। आखिर कौन था जेफरी एपस्टीन? क्यों उसकी फाइलों को लेकर ट्रंप और मस्क आमने-सामने हैं? और क्या यह विवाद अमेरिकी चुनावों का रुख बदल देगा?
क्या है एपस्टीन के काले कारनामों की कहानी?
जेफरी एपस्टीन कोई आम अपराधी नहीं था। बता दें कि वह अमेरिकी अभिजात्य वर्ग का वह शैतान था, जिसने अपने पैसे और ताकत का इस्तेमाल सैकड़ों नाबालिग लड़कियों के जीवन को नर्क बनाने में किया। 2019 में जब उसे गिरफ्तार किया गया, तब तक वह दो दशकों से अधिक समय तक अपने अपराधों को अंजाम देता रहा। उसके न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा स्थित आलीशान महलों में नाबालिग लड़कियों को "मसाज" के नाम पर बुलाया जाता था, जहां उनका यौन शोषण किया जाता था।
हैरान कर देने वाला तथ्य यह है कि एपस्टीन अकेला नहीं था। उसकी "ग्राहक सूची" में अमेरिका और यूरोप के कई नामी-गिरामी लोग शामिल थे, जिनमें ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू जैसे रॉयल्स भी शामिल थे। एपस्टीन की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने इस साजिश को और गहरा दिया - क्या वाकई यह आत्महत्या थी या फिर किसी ने उसके मुंह पर ताला लगवा दिया?
ट्रंप और एपस्टीन का क्या है कनेक्शन?
डोनाल्ड ट्रंप और जेफरी एपस्टीन के रिश्ते हमेशा से विवादों में रहे हैं। 2002 में ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा था, "जेफरी बहुत अच्छा आदमी है...उसके पास बेहतरीन लड़कियों का टेस्ट है"। यह बयान आज ट्रंप के लिए सबसे बड़ा राजनीतिक बवंडर बन सकता है। हालांकि ट्रंप ने बाद में दावा किया कि वह एपस्टीन से दूर हो गए थे, लेकिन तस्वीरें और दस्तावेज बताते हैं कि दोनों के बीच लंबे समय तक नजदीकियां रहीं। एपस्टीन के निजी द्वीप पर ट्रंप के जाने के दावे भी उछले हैं, हालांकि इन्हें लेकर कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है। मस्क के इस आरोप ने अब ट्रंप के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है - क्या वाकई एपस्टीन की सीलबंद फाइलों में ट्रंप का नाम है? और अगर हां, तो क्या यह फाइलें कभी सार्वजनिक होंगी?
क्या यह सिर्फ टैक्स बिल की लड़ाई है या कुछ और?
एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच तनाव की शुरुआत तो 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' से हुई, लेकिन अब यह लड़ाई व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच चुकी है। ट्रंप ने मस्क की सभी सरकारी सब्सिडी और अनुबंध रद्द करने की धमकी दी है, जिसका सीधा असर टेस्ला और स्पेसएक्स पर पड़ेगा। वहीं मस्क ने न सिर्फ ट्रंप को एपस्टीन से जोड़कर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की है, बल्कि उन्होंने सीधे तौर पर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की मांग भी कर डाली। यह लड़ाई अब सिर्फ दो अहंकारी व्यक्तित्वों का टकराव नहीं रह गई है। इसके अमेरिकी राजनीति पर गहरे प्रभाव पड़ने वाले हैं। मस्क ने जिस तरह से एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की बात की है, वह 2024 के चुनावों को पूरी तरह से बदल सकती है। क्या अमेरिका की राजनीति में हम एक नए युग के साक्षी बनने जा रहे हैं, जहां टेक्नोक्रेट्स सीधे सत्ता की लड़ाई में उतरेंगे?
क्या अमेरिका की सत्ता गलियारों में गिरेगी एक और बम?
जेफरी एपस्टीन मामला अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा कवर-अप साबित हो सकता है। जब भी इसकी फाइलें सार्वजनिक होती हैं, नए-नए नाम सामने आते हैं। अब तक जिन लोगों के नाम उछले हैं, उनमें हॉलीवुड सितारों से लेकर राजनेता, बिजनेस टाइकून और यहां तक कि वैज्ञानिक भी शामिल हैं। मस्क के इस आरोप ने अब एक नया पेंडोरा बॉक्स खोल दिया है कि क्या ट्रंप वास्तव में एपस्टीन के नेटवर्क का हिस्सा थे? अगर हां, तो यह खुलासा न सिर्फ ट्रंप की राजनीतिक विरासत को ध्वस्त कर देगा, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र पर भी गंभीर सवाल खड़े कर देगा। विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला अब सिर्फ ट्रंप-मस्क की लड़ाई नहीं रह गया बल्कि यह अमेरिकी सत्ता तंत्र की उस गहरी बीमारी को उजागर कर रहा है, जहां पैसा और सत्ता अपराध को पनाह देती है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने वाला है, और इसके झटके न सिर्फ वॉशिंगटन बल्कि पूरी दुनिया में महसूस किए जाएंगे।
यह भी पढ़ें:
"भगोड़ा कहिए लेकिन...", माफ़ी मांगते हुए भारत लौटने के विषय में क्या बोल गए विजय माल्या?
.