ट्रंप की चाल या बदल रही है वैश्विक रणनीति... 46 साल बाद सीरिया से प्रतिबंध क्यों हटा रहा अमेरिका?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सीरिया पर लगे 46 साल पुराने प्रतिबंधों को हटाने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला उन्होंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सामने रियाद में किया। ट्रंप ने कहा कि मैं सीरिया को महान बनने का मौका देना चाहता हूं।" लेकिन सवाल यह है कि क्या यह ट्रंप की नीति है या फिर उनका निजी फायदा? क्योंकि इसी सीरिया पर अमेरिका ने 1979 में 'आतंकवाद को बढ़ावा देने' का आरोप लगाकर प्रतिबंध लगाए थे और अब अचानक यह फैसला? जबकि सीरिया का नया राष्ट्रपति अहमद अल-शरा खुद एक समय अल-कायदा से जुड़ा था और अमेरिका ने उस पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम भी रखा था।
क्यों लगे थे सीरिया पर प्रतिबंध?
सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों का इतिहास 1979 से शुरू होता है, जब अमेरिका ने उसे 'स्टेट स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म' घोषित किया था। उस वक्त सीरिया पर हाफिज अल-असद का शासन था, जिन्होंने इजरायल और अमेरिका विरोधी नीतियों को अपनाया था।
2000 में बशर अल-असद सत्ता में आए और उनके शासनकाल में सीरिया ने अमेरिकी हितों के खिलाफ काम करना जारी रखा। 2011 में सीरियाई गृहयुद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका ने और सख्त प्रतिबंध लगा दिए, जब असद सरकार ने विद्रोहियों के खिलाफ केमिकल हथियारों का इस्तेमाल किया। इन प्रतिबंधों के कारण सीरिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई और वह दुनिया से कटकर रह गया।
अचानक प्रतिबंध हटाने की वजह क्या?
पिछले साल दिसंबर में बशर अल-असद का तख्तापलट हो गया और अहमद अल-शरा सत्ता में आए। अल-शरा ने खुद को 'उदारवादी' बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संबंध सुधारने की कोशिश शुरू की। उन्होंने सऊदी अरब और फ्रांस की यात्रा की, जहां उनकी मुलाकात फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से हुई। मैक्रों ने यूरोपीय संघ से भी सीरिया पर प्रतिबंध हटाने की अपील की। इस बीच, ट्रंप ने सऊदी अरब, तुर्की और कतर जैसे देशों के दबाव में आकर यह फैसला लिया। इन देशों ने ट्रंप को समझाया कि सीरिया अब कोई खतरा नहीं, बल्कि मध्य पूर्व में शांति का भागीदार बन सकता है।
In a major US policy shift ahead of an expected meeting with Syria's President Ahmed al-Sharaa, US President Donald Trump said he would order the lifting of sanctions on Syria at the behest of Saudi Arabia's crown prince https://t.co/w7YWOMFVOH pic.twitter.com/Jv9YeEBhKN
— Reuters (@Reuters) May 14, 2025
किसे मिलेगा फायदा?
सीरिया को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब वह दुनिया के साथ व्यापार और निवेश कर सकेगा। गृहयुद्ध से तबाह हुए देश को पुनर्निर्माण के लिए धन मिलेगा। सऊदी अरब और तुर्की जैसे देश सीरिया में निवेश करने के लिए तैयार हैं। ईरान के लिए भी यह अच्छी खबर है, क्योंकि अल-शरा सरकार को उसका समर्थन हासिल है। हालांकि, इजरायल इस फैसले से नाराज है। वहीं, ट्रंप का निजी फायदा यह है कि वह दमिश्क में 'ट्रंप टॉवर' बनाना चाहते हैं, जो प्रतिबंधों के कारण अब तक संभव नहीं था।
क्या बदलेगा सीरिया का भविष्य?
सीरिया की 90% आबादी गरीबी में जी रही है और बेरोजगारी चरम पर है। प्रतिबंध हटने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या अल-शरा सरकार वास्तव में उदारवादी है? क्या वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगी? अमेरिका ने प्रतिबंध हटाकर एक बड़ा जोखिम लिया है। अगर सीरिया फिर से आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो ट्रंप की इस नीति की दुनिया भर में आलोचना होगी। फिलहाल, सीरिया के लोगों को उम्मीद है कि उनके दिन अब बदलेंगे, लेकिन यह तभी संभव है जब नई सरकार वास्तव में बदलाव लाए।
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