सीजफायर के बाद अब कश्मीर राग अलापने लगे राष्ट्रपति ट्रंप, जानिए मध्यस्थता को लेकर क्या बोल गए?
भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने न सिर्फ सीजफायर को अपनी सफलता बताया, बल्कि कश्मीर मुद्दे पर फिर से मध्यस्थता की पेशकश कर डाली। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था। ट्रंप ने दावा किया कि वह दोनों देशों के साथ मिलकर "हजार साल पुरानी" इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। आइए जानते हैं कि ट्रंप ने क्या कहा और भारत का इस पर क्या रुख हो सकता है।
सीजफायर को लेकर क्या बोले ट्रंप?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व पर गर्व है जिन्होंने युद्ध रोकने का सही फैसला लिया। उन्होंने दावा किया कि यह संघर्ष लाखों निर्दोष लोगों की जान ले सकता था और अमेरिका ने इस सीजफायर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक ट्रंप के इस दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले अपनी छवि को मजबूत करने की कोशिश भर हो सकता है।
कश्मीर मुद्दे पर पुरानी रिकॉर्ड दोहराई
ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि वह कश्मीर के हजारों साल पुराने मुद्दे का समाधान निकालने में मदद करेंगे। यह उनकी 2019 की उसी पेशकश को दोहराना है जब उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की इच्छा जताई थी। उल्लेखनीय है कि भारत ने तब स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह कोई द्विपक्षीय मुद्दा नहीं है। विदेश मंत्रालय ने बार-बार कहा है कि कश्मीर मामले पर किसी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर ने बदली गणित
ट्रंप के इस बयान से ठीक पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे। भारत ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में केवल आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया, न कि पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को। यह कार्रवाई भारत की उस नीति का हिस्सा है जिसमें आतंकवाद और कूटनीतिक मुद्दों को अलग-अलग रखा जाता है।
क्या ट्रंप को कश्मीर मुद्दे पर मिल गया फ्री हैंड?
ट्रंप के इस ताजा बयान ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या अमेरिका फिर से कश्मीर मुद्दे पर दखल देने की कोशिश कर रहा है? क्या भारत को ट्रंप की इस पेशकश को सिरे से खारिज कर देना चाहिए? क्या यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है? विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत इस मामले में अपना पारंपरिक रुख ही अपनाएगा और कश्मीर को अपना आंतरिक मामला बताएगा।
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