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गाजा पर कब्जे को लेकर ट्रंप क्यों हैं कंफ्यूज? ओबामा-बाइडेन जैसे फैसले लेने में क्यों हो रही है दिक्कत?

गाजा पर कब्जे को लेकर ट्रंप क्यों हैं कंफ्यूज? जानें क्यों नहीं ले पा रहे हैं ओबामा-बाइडेन जैसे सख्त फैसले।
05:58 PM Feb 22, 2025 IST | Girijansh Gopalan

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को खाली कराने और इजराइल को कंट्रोल लेने के मुद्दे पर एक बार फिर बयान दिया है। इस बार उन्होंने कहा कि गाजा को खाली कराने के लिए उन्होंने बस एक सिफारिश की थी। यह बयान तब आया जब ट्रंप ने पहले कहा था कि इजराइल को गाजा पर कब्जा कर लेना चाहिए। इस बयान के बाद ट्रंप को विश्व स्तर पर कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। अब ट्रंप ने अपने पुराने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह कोई ऐलान नहीं था, बल्कि सिर्फ एक सलाह थी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इजराइल ने गाजा को 'कभी छोड़ा ही क्यों?'

ट्रंप के फैसलों में क्यों नहीं है ओबामा-बाइडेन जैसी सख्ती?

ट्रंप के बयानों से यह साफ हो रहा है कि वह अपने फैसलों को लेकर खुद ही कंफ्यूज हैं। यह बात उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और जो बाइडेन के मुकाबले उनकी नीतियों में स्पष्टता की कमी को दर्शाती है। ओबामा और बाइडेन ने अपने कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सख्त और स्पष्ट रुख अपनाया था, लेकिन ट्रंप के बयान अक्सर विवादास्पद और अस्पष्ट होते हैं।

नई शुरुआत के लिए गाजा पर कब्जा जरूरी

फॉक्स न्यूज से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि उनका प्रस्ताव मिडिल ईस्ट में स्थायी समाधान ला सकता है। उन्होंने कहा, "मैं इसे लागू नहीं कर रहा हूं, बस सुझाव दे रहा हूं। यह योजना सबसे अच्छी है। अगर इसे अपनाया जाता है तो अमेरिका वहां कंट्रोल करेगा और हमास खत्म हो जाएगा। इसके बाद सब कुछ एक नई शुरुआत के साथ आगे बढ़ेगा।"

पड़ोसी देशों से क्या कहा ट्रंप ने?

ट्रंप ने बताया कि उन्होंने पड़ोसी देशों जॉर्डन और मिस्र से आग्रह किया था कि वे गाजा के फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अपने यहां शरण दें। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अमेरिका इन देशों को बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता देता है, इसलिए उन्हें यह प्रस्ताव स्वीकार करना चाहिए। हालांकि, अरब देशों ने इस सुझाव को ठुकरा दिया, केवल जॉर्डन ने 2,000 बीमार बच्चों को शरण देने की सहमति दी।

अरब देशों की बैठक, गाजा के निवासियों को वहीं बसाने की योजना

अरब देशों ने शुक्रवार को एक बैठक कर इस प्रस्ताव के खिलाफ एक वैकल्पिक योजना पर चर्चा की। उनके मुताबिक, गाजा के लगभग 20 लाख निवासियों को कहीं और भेजने की बजाय वहीं बसाया जाना चाहिए। ट्रंप ने हालांकि इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गाजा अब लगभग पूरी तरह खत्म हो चुका है और इसे फिर से रहने लायक बनाने के लिए वहां बस मलबा हटाने का काम रह गया है।

इजराइल के फैसले पर ट्रंप ने उठाए सवाल

ट्रंप ने इजराइल द्वारा 2005 में गाजा से अपने सैनिकों और बस्तियों को हटाने के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "यह बहुत अच्छी जगह है। मुझे नहीं पता कि इजराइल ने इसे कभी छोड़ा ही क्यों। यह एक खराब रियल एस्टेट सौदा था।" उन्होंने पूर्व इजराइली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन का नाम नहीं लिया, लेकिन संकेत दिया कि यह फैसला किसी नामी इजराइली नेता ने लिया था।

मासूम बच्चों की मौत पर ट्रंप ने जताया दुख

ट्रंप ने हाल ही में इजराइली बच्चों एरियल और कफिर बिबास के शवों की वापसी पर भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि हमास द्वारा उनके शवों को एक सार्वजनिक प्रदर्शन में दिखाया जाना 'बर्बरता' है। उन्होंने यह भी कहा कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नाराजगी समझ में आती है, क्योंकि यह घटना इजराइल के लिए भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाली है।

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