डेमोक्रेट्स को फंड दिया तो भुगतोगे नतीजे! ट्रंप ने एलन मस्क को धमकी देते हुए क्या ऐलान किया?
अमेरिकी राजनीति का यह टकराव अब व्यक्तिगत दुश्मनी में बदल चुका है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क को सीधे चेतावनी दे डाली कि"अगर डेमोक्रेट्स को पैसा दिया तो तुम्हारे लिए बुरा होगा!" यह धमकी उस वक्त सामने आई जब मस्क ने ट्रंप के प्रस्तावित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को "अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए जहर" बताया था। ट्रंप और मस्क के बीच यह जंग सिर्फ दो लोगों का विवाद नहीं रहा, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति के भविष्य का युद्ध बन गया है, जिसमें भारतीय मूल के लाखों टेस्ला कर्मचारियों से लेकर स्पेसएक्स के इन्वेस्टर्स तक प्रभावित होने वाले हैं।
रिश्ते खत्म! ट्रंप ने माना मस्क के साथ सब कुछ ख़त्म
एक समय था जब एलन मस्क ट्रंप के सबसे करीबी उद्योगपति माने जाते थे। आज उन्हीं ट्रंप ने खुलेआम स्वीकार कर लिया कि मस्क के साथ सभी संबंध समाप्त हो चुके हैं। एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि "हाँ, मैं मानता हूँ कि अब हमारे बीच कुछ नहीं बचा।" यह बयान उसके बाद आया जब मस्क ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की मांग करते हुए उन्हें "जेफरी एपस्टीन का दोस्त" तक कह डाला। ट्रंप अब मस्क पर "राष्ट्रपति पद का अपमान" करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि मस्क ट्रंप की नीतियों को "अमेरिका को मंदी में धकेलने वाला" बता रहे हैं।
क्या है 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' जिसने तोड़े ट्रंप-मस्क के रिश्ते?
इस पूरे विवाद की जड़ में है ट्रंप का प्रस्तावित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट 2025'। यह विधेयक ट्रंप के 2017 के टैक्स कट्स को स्थायी बनाने, सीमा सुरक्षा बजट बढ़ाने और सरकारी खर्च में कटौती का प्रस्ताव करता है। मस्क इस बिल के सबसे बड़े आलोचक बनकर उभरे हैं। उनका कहना है कि यह बिल क्लीन एनर्जी सेक्टर को नुकसान पहुंचाएगा और टेस्ला जैसी कंपनियों पर अतिरिक्त टैक्स थोपेगा। दूसरी ओर, ट्रंप का दावा है कि यह बिल "अमेरिका को फिर से महान बनाएगा"। विडंबना यह है कि 2020 में मस्क ने ट्रंप के चुनाव अभियान के लिए करोड़ों डॉलर दान किए थे, लेकिन आज दोनों एक-दूसरे के सबसे बड़े विरोधी बन चुके हैं।
"स्पेसएक्स के कॉन्ट्रैक्ट कर दूंगा रद्द": ट्रंप
टकराव अब सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहा। ट्रंप ने मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के सरकारी अनुबंधों को रद्द करने की भी धमकी दे डाली। उनके समर्थक पहले ही मांग कर रहे हैं कि मस्क के बिजनेस डील्स की जांच की जाए।
हालांकि, ट्रंप ने अभी तक सीधे जांच का आदेश नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने मस्क को लेकर जो भाषा इस्तेमाल की है, वह साफ संकेत देती है कि यह लड़ाई अब और गंभीर होगी। दूसरी ओर, मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर ट्रंप विरोधी पोस्ट्स को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है, जिससे साफ जाहिर है कि यह जंग अब पूरी तरह खुल चुकी है।
क्या ट्रंप-मस्क की इस जंग में फंसेगा भारत?
यह टकराव सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा। टेस्ला के गिगाफैक्ट्री जैसे भारत में निवेश, स्पेसएक्स के स्टारलिंक प्रोजेक्ट और भारतीय टेक कर्मचारियों के हजारों वीजा इस लड़ाई की भेंट चढ़ सकते हैं। अगर ट्रंप सत्ता में लौटते हैं और मस्क के बिजनेस पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो इसका सीधा असर भारत की टेक और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर पड़ेगा। एक तरफ जहां ट्रंप "अमेरिका फर्स्ट" की राग अलाप रहे हैं, वहीं मस्क ग्लोबलाइजेशन के पैरोकार बने हुए हैं। यह टकराव न सिर्फ वॉल स्ट्रीट बल्कि दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के बाजारों को भी हिलाकर रख देगा। सवाल यह है कि क्या भारत सरकार इस संभावित तूफान के लिए तैयार है?
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