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डोनाल्ड ट्रंप ने फ़िर लिया जंग रुकवाने का क्रेडिट,बोले– भारत-PAK सीजफायर मेरी ट्रेड डिप्लोमेसी का कमाल!

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक सीजफायर का श्रेय अपनी ट्रेड डील को दिया, भारत ने खारिज किया, कहा– यह हमारा द्विपक्षीय और स्वतंत्र फैसला था।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादास्पद दावा करते हुए कह दिया है कि "ट्रेड डील" के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया। व्हाइट हाउस में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा कि हमने पाकिस्तान और भारत के साथ जो किया, वो एक बड़ी बात थी...मैंने इसे ट्रेड के जरिए सुलझाया।" हालांकि, भारत हमेशा की तरह इस दावे को खारिज करते हुए कहता रहा है कि सीजफायर में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी।

ट्रंप का दावा vs भारत का जवाब: क्या है सच्चाई?

बता दें कि ट्रंप पहले भी ऐसा बयान दे चुके हैं। इस बार उन्होंने दोहराते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए हस्तक्षेप किया था: "मैंने दोनों से कहा - आप लोग क्या कर रहे हैं? पाकिस्तान में अच्छे लोग हैं और मोदी मेरे दोस्त हैं।" लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इस बयान को "निराधार" बताया है। सूत्रों के मुताबिक, 10 मई 2025 को हुए सीजफायर का निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी वार्ता का परिणाम था, जिसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। यहां तक कि ट्रंप के "ट्रेड डील" वाले दावे को भी भारत ने खारिज कर दिया है।

क्या था पूरा घटनाक्रम?

दरअसल पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पार गोलाबारी शुरू की, जिसके बाद 4 दिनों तक भीषण संघर्ष हुआ। 10 मई को संघर्ष विराम की घोषणा हुई, जिसे ट्रंप ने सबसे पहले ट्वीट किया। तब से वह लगातार इसका श्रेय लेते रहे हैं, जबकि भारत का कहना है कि यह निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था।

क्या ट्रंप के दावे में दम है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान अमेरिकी चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।अंतरराष्ट्रीय संकट सुलझाने वाले नेता की छवि बनाने के लिए ऐसे दावे उनकी सियासी रणनीति में शामिल रहे हैं। भारत-पाकिस्तान संबंधों के जानकार डॉ. एस. के. गुप्ता कहते हैं कि "ट्रंप के दावों का कोई ठोस सबूत नहीं है। भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि वह द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता।

क्या भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ेगा असर?

यह मामला तब और अहम हो जाता है जब भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व व्यापारिक संबंधों का दौर चल रहा है। हालांकि, विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि ट्रंप के बयानों को "उनकी व्यक्तिगट राय" माना जाएगा और इससे द्विपक्षीय संबंध प्रभावित नहीं होंगे। फिलहाल, यह विवाद जारी है, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि भारत अपनी सुरक्षा नीतियों पर किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।

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