‘भारत के लोगों को खुद की विरासत और संस्कृतिक धरोहर पर करना होगा गर्व, बोले एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत किसी को भी अपने फैसलों पर वीटो लगाने की इजाजत नहीं देगा। हम हमेशा अपने राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई को ध्यान में रखते हुए, जो भी सही होगा, उसे बिना किसी डर के करेंगे।
दुनिया भारत की विरासत से बहुत कुछ सीख सकती है
शनिवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक वीडियो संदेश में कहा कि जब भारत दुनिया से और जुड़ता है, तो इसके असर गहरे होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया, जो आज तनावपूर्ण जीवनशैली और जलवायु संकट से जूझ रही है, भारत की विरासत से बहुत कुछ सीख सकती है। लेकिन यह तभी संभव है जब भारतीय खुद अपनी विरासत पर गर्व करें और उसे दुनिया के सामने लाएं।
दूसरों के हिसाब से भारत नहीं लेगा फैसला
जयशंकर ने कहा कि भारत निश्चित रूप से प्रगति करेगा, लेकिन इसे अपनी भारतीयता को बनाए रखते हुए ऐसा करना होगा। तभी हम सच में दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने देश के हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा, वो बिना किसी डर के करेंगे। भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर रोक लगाने का अधिकार नहीं दे सकता।
जयशंकर जी ने आगे कहा, ‘हमें बहुत समय से यह सिखाया गया था कि प्रगति और आधुनिकता का मतलब हमारी विरासत और परंपराओं को छोड़ देना है।’ उन्होंने यह भी कहा कि अब जब लोकतंत्र की आवाज़ें और अधिक सशक्त हो रही हैं, तो देश अपने आप को फिर से पहचानने की कोशिश कर रहा है और अपना असली रूप फिर से पा रहा है।
युवा पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक धरोहर के महत्व और मूल्यों को समझे
जयशंकर ने कहा कि भारत एक अनोखा देश है क्योंकि यह एक समृद्ध सभ्यता का हिस्सा है। उनका कहना था कि ऐसा देश तभी दुनिया पर असर डाल सकता है जब वह अपनी सांस्कृतिक ताकतों का पूरी तरह से उपयोग करे। उन्होंने यह भी कहा, ‘इसके लिए जरूरी है कि हम और हमारी युवा पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक धरोहर के महत्व और मूल्यों को अच्छी तरह समझें।’
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने वैश्विक मंच पर खुद को एक स्वतंत्र शक्ति के रूप में स्थापित किया है, लेकिन वह हमेशा वैश्विक भलाई, खासकर वैश्विक दक्षिण की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। जयशंकर ने यह भी बताया कि हालांकि हमें बहुत सी चुनौतियों और सीमाओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन कुछ दृष्टिकोण और विचारधाराएं अभी भी निराशावादी हैं, और कभी-कभी हमें नीचा दिखाने की कोशिश करती हैं।
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