पकिस्तान को श्रीलंका ने दिया झटका, त्रिंकोमाली आ रही नौसेना को लौटाया वापस, भारत ने जताई थी आपत्ति
पाकिस्तान अपनी बड़बोली के कारण हमेशा खुद को नुकसान पहुँचाता रहता है, लेकिन फिर भी वह अपनी गलतियों से सीखने के बजाय वही सब करता रहता है। हाल ही में, श्रीलंका ने भारत के साथ अपनी दोस्ती निभाते हुए पाकिस्तान के साथ होने वाला सैन्य अभ्यास रद्द कर दिया। भारत ने इस मुद्दे पर श्रीलंकाई सरकार से बातचीत की, और इसके बाद श्रीलंका ने इस अभ्यास में हिस्सा लेने से मना कर दिया। यह सैन्य अभ्यास श्रीलंका के त्रिंकोमाली तट पर होने वाला था, जो एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जगह मानी जाती है।
भारत ने किया था इस युद्धाभ्यास के लिए मना
श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच एक युद्ध अभ्यास होना था, जिसकी सहमति पीएम मोदी के श्रीलंका दौरे से कुछ समय पहले ही हो गई थी। जब पीएम मोदी श्रीलंका पहुंचे, तो उन्होंने इस अभ्यास को लेकर भारत की चिंता जताई और श्रीलंकाई नेताओं से इसे न करने की बात कही। पीएम मोदी की इस बात से श्रीलंका की सरकार भी सहमत नजर आई, और इसलिए यह अभ्यास आगे नहीं बढ़ पाया।
जब श्रीलंका ने इस योजना को रद्द किया, तो पाकिस्तान के अधिकारियों ने इस पर नाराज़गी जताई। उन्होंने अपना विरोध भी दर्ज कराया, लेकिन इसके बावजूद श्रीलंका ने अपना फैसला नहीं बदला।
भारत की आपत्ति की क्या थी वजह?
पाकिस्तान की चालबाज़ियों से पूरी दुनिया वाकिफ है। वो अक्सर भारत के प्रोजेक्ट्स को लेकर बयानबाज़ी करता है और उन्हें खराब करने की कोशिश करता है। हाल ही में एक सैन्य अभ्यास होने वाला था, जिसे अचानक रद्द कर दिया गया। ये अभ्यास त्रिंकोमाली में होना था।
त्रिंकोमाली वही जगह है जहां हाल ही में एक बड़ा समझौता हुआ है। यहां पर एक पुराने जमाने के तेल भंडारण केंद्र को दोबारा विकसित किया जा रहा है। इस काम के लिए 2022 में श्रीलंका सरकार, लंका IOC और सेलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने हाथ मिलाया था।
अब एक नया त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, जिसमें त्रिंकोमाली में मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन और एक ऊर्जा केंद्र का विकास किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में UAE भी शामिल है।
भारत और श्रीलंका के बीच हुआ था अहम समझौता
5 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और श्रीलंका के बीच एक अहम समझौता हुआ। राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ बातचीत के दौरान दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए। इस कदम से भारत-श्रीलंका के रिश्ते और मजबूत हुए।
सितंबर 2024 में जब अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के राष्ट्रपति बने, तो उन्होंने सबसे पहले पीएम मोदी को श्रीलंका आने का न्योता भेजा। यह यात्रा दोनों देशों के बीच गहरे होते संबंधों और ‘साझा भविष्य के लिए साझेदारी’ की सोच को सामने लेकर आई।
कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, जहाँ उन्होंने क्षेत्रीय शांति, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और विकास से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। इसी मौके पर राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को श्रीलंका का एक बड़ा नागरिक सम्मान – श्रीलंका मित्र विभूषण – भी दिया।
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