'ढाई बजे गिरी मिसाइल, जनरल का फोन आया और...' अब खुद पाकिस्तान के PM ने खोल दी पोल, धीरे-धीरे उगल बैठेंगे सब कुछ?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आखिरकार वह स्वीकार कर लिया जिससे इस्लामाबाद महीनों तक मुकरता रहा। जिसमें भारत की सटीक मिसाइल स्ट्राइक ने पाकिस्तानी एयरबेस और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। दअरसल बीते दिन शहबाज ने खुलासा किया कि 9-10 मई की रात ढाई बजे सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने उन्हें जगाकर बताया कि हिंदुस्तानी बैलिस्टिक मिसाइलें नूर खान एयरबेस और अन्य इलाकों पर गिरी हैं। यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की पहली आधिकारिक स्वीकारोक्ति है, जिसने भारतीय विपक्ष के उन सवालों का जवाब दे दिया जो "सबूत मांग रहे थे"।
खुद की पोल खोलते हुए क्या बोल गए पाकिस्तानी PM?
दरअसल शहबाज शरीफ अपने भाषण में सीधे तौर पर नूर खां एयरबेस पर हुए बैलेस्टिक मिसाइल हमले को कबूलते नज़र आए। साथ ही अपने भाषण में यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने स्वदेशी तकनीक और चीनी लड़ाकू विमानों से देश को बचाया।
लेकिन सच्चाई यह है कि भारतीय मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस समेत कई सैन्य लक्ष्यों को ध्वस्त किया था।पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का यह बयान उस रणनीतिक हार को छिपाने की कोशिश भर है, जिसमें उनकी सेना भारत की जवाबी कार्रवाई के आगे बेबस नजर आई। खास बात यह है कि शहबाज ने जिस आत्मविश्वास भरी आवाज का जिक्र किया, वह दरअसल पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के आतंकवादी पोषण की नीति पर पड़े प्रहार की गूंज थी।
विपक्ष के 'सबूत' वाले तमाशे पर BJP ने घेरा
शहबाज शरीफ के बयान ने भारत की राजनीति में भी राजनीतिक भूचाल ला दिया। BJP के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने ट्वीट कर कहा कि "लो विपक्षियों, जिन्हें सबूत चाहिए थे... पाकिस्तान के PM ने खुद मान लिया! वहीं शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मजाक उड़ाते हुए पूछा कि क्या अब भी कोई सबूत चाहिए? यह बयान उन तमाम लोगों के लिए एक चौंकाने वाला खुलासा है, जो भारत की सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठा रहे थे।
पहलगाम हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक का सफ़र
यह पूरी घटनाक्रम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुआ, जिसमें 26 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। भारत ने सीधे पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया। 6-10 मई के बीच हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने न सिर्फ पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को नाकाम किया, बल्कि उनके एयरबेस पर सटीक प्रहार करके एक स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ेगी। शहबाज शरीफ का बयान इस बात का प्रमाण है कि भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया।
क्या पाकिस्तान अब सीखेगा सबक?
शहबाज शरीफ का यह बयान पाकिस्तान की उस मजबूरी को दिखाता है, जहां उसे भारत की सैन्य शक्ति के सामने झुकना पड़ा। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी नीति के तौर पर इस्तेमाल करना बंद करेगा? या फिर वह फिर से कोई गलती करेगा और भारत का "नपा-तुला जवाब" झेलेगा? फिलहाल, एक बात साफ है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सीमा पार जाकर भी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा।
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