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सौ बार जन्म लेंगे तो सौ बार करेंगे...": शशि थरूर ने अमेरिका से पाकिस्तान को कौन सी चुनौती दे डाली?

शशि थरूर ने अमेरिकी मंच से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। आतंकवाद के खिलाफ भारत की कूटनीतिक लड़ाई को मिल रहा है वैश्विक समर्थन।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने अमेरिकी धरती पर पाकिस्तान को लेकर एक ऐसा जोरदार संदेश दिया है जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार द्वारा विदेशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और वरिष्ठ राजनयिकों के सामने पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को बेनकाब करते हुए कहा, "सौ बार जन्म लेंगे तो सौ बार करेंगे, जी भर के अपने वतन से प्यार करेंगे।" यह बयान उस समय आया जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एक बड़ा कूटनीतिक अभियान शुरू किया है।

"कान खोलकर सुन लो दुनिया...": थरूर ने कैसे उठाई भारत की आवाज?

शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में तीन दिनों तक चले गहन दौरे के दौरान अमेरिकी सांसदों, विदेश नीति विशेषज्ञों और प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। थरूर ने खासतौर पर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि "हमने दुनिया को बता दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पोषक है। अब समय आ गया है कि अमेरिका और अन्य देश इस सच्चाई को स्वीकार करें।"

थरूर-वेंस मुलाकात के अहम मोड़

इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पल तब आया जब शशि थरूर ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ 25 मिनट तक चर्चा की। इस बैठक के बाद थरूर ने ट्विटर पर लिखा कि उनकी वार्ता "उत्कृष्ट" रही और अमेरिका ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लिया। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात में थरूर ने अमेरिका से पाकिस्तान पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव बढ़ाने की मांग की। उन्होंने साफ किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगा।

क्या पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग होगा?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए 33 देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों से अवगत कराना है। शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका और कैरेबियाई देशों में भारत का पक्ष रखा। थरूर ने इस दौरान साफ किया कि भारत "अहिंसा में विश्वास रखता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।" यह अभियान अब तक सफल रहा है, क्योंकि कई देशों ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।

क्या थरूर के इस मिशन से होगी भारत की कूटनीतिक जीत?

शशि थरूर के नेतृत्व में चले इस कूटनीतिक अभियान ने साबित कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी पाकिस्तान को घेरने की रणनीति पर काम करेगा। थरूर ने अपने संदेश में जिस तरह से "सौ बार जन्म लेने" और "देश से प्यार" की बात कही, उससे साफ है कि भारत इस बार पाकिस्तान के खिलाफ न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी पूरी ताकत से उतरा है। अब देखना यह है कि अमेरिका और अन्य वैश्विक ताकतें पाकिस्तान के खिलाफ कितना कड़ा रुख अपनाती हैं। एक बात तय है कि भारत ने इस बार आतंकवाद के खिलाफ जंग में नया मोर्चा खोल दिया है।

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