पाकिस्तान में खुल्ला घूम रहे हैं आतंकी: जयशंकर ने PAK को दी चेतावनी, बोले–पता मालूम, जहां हैं, वहीं मारेंगे
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर एक बार फिर बड़ा वार किया है। दरअसल नीदरलैंड्स के अखबार 'डी वोल्कस्क्रांट' को दिए इंटरव्यू में उन्होंने साफ कहा कि "पाकिस्तान की सरकार और सेना, दोनों आतंकवाद को सक्रिय रूप से समर्थन देते हैं।" उन्होंने पाकिस्तान के इस दावे को खारिज कर दिया कि उसे अपनी जमीन पर पल रहे आतंकवाद के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जयशंकर ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल सबसे कुख्यात आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं। उनके ठिकाने, गतिविधियाँ और संपर्क सबको पता हैं। फिर यह दिखावा क्यों कि पाकिस्तान को कुछ पता नहीं?
क्या एम्सटर्डम में आतंकी कैंप चले तो सरकार को पता नहीं चलेगा?
जयशंकर ने पाकिस्तान के झूठे दावों को ध्वस्त करते हुए एक मजबूत उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि मान लीजिए एम्सटर्डम जैसे शहर में कोई बड़ा आतंकी ट्रेनिंग कैंप चल रहा हो, जहाँ हजारों लोगों को हथियारों की ट्रेनिंग दी जा रही हो, तो क्या डच सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी? बिल्कुल होगी!
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान सरकार और सेना दोनों आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ जो कार्रवाई की, वह सराहनीय है, लेकिन पाकिस्तान को इससे सबक लेना चाहिए।
अगर आतंकवाद जारी रहा, तो भुगतना होगा परिणाम!
जयशंकर ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आतंकी हमले जारी रहे, तो इसका परिणाम पाकिस्तान को भुगतना होगा। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को निशाना बनाया और हमले को जानबूझकर धार्मिक रंग दिया।
दुनिया को आतंकी गतिविधि जैसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर का मुद्दा दो अलग-अलग चीजें हैं। आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय अपराध है, जिसे न तो माफ किया जा सकता है और न ही सही ठहराया जा सकता है।
PoK को लेकर क्या बोले जयशंकर?
जम्मू-कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर जयशंकर ने साफ कहा कि 1947 में जम्मू-कश्मीर ने भारत में विलय किया था और PoK पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है। उन्होंने कहा, "अवैध रूप से कब्जा किए गए हिस्सों को उनके असली मालिक को लौटा देना चाहिए, और वह मालिक भारत है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के प्रस्ताव को लेकर जयशंकर ने कहा कि यह मामला भारत और पाकिस्तान के बीच ही सुलझाया जाएगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को "इंसाफ का नया रूप" बताया और कहा कि भारत आतंकवाद को जवाब देने में पीछे नहीं हटेगा।
क्या पाकिस्तान अब भी आतंकवाद के खेल में जुटा रहेगा?
जयशंकर के बयान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे को बखूबी समझता है। पाकिस्तान अगर सोचता है कि वह आतंकवाद को हथियार बनाकर भारत को डरा पाएगा, तो वह गलतफहमी में है। ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया कि भारत अब पलटवार करने से नहीं हिचकेगा।
अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी गलतियों से सबक लेगा या फिर आतंकवाद की आग में खुद ही जलता रहेगा? जवाब वक्त देगा, लेकिन भारत की चेतावनी साफ है कि आतंकवाद का कोई सही औचित्य नहीं होता, और इसकी कीमत पाकिस्तान को चुकानी होगी!
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