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अफगानिस्तान से मिलकर पाकिस्तानी सेना पर बोला हमला, लाल मस्जिद से क्या है कनेक्शन?

POK के रावलकोट में मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी ने खुद को उड़ा लिया, 2 पुलिसकर्मी शहीद, अफगान कनेक्शन की जांच जारी।
06:04 PM May 30, 2025 IST | Vyom Tiwari
POK के रावलकोट में मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी ने खुद को उड़ा लिया, 2 पुलिसकर्मी शहीद, अफगान कनेक्शन की जांच जारी।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके के पुंछ जिले में रावलकोट के पास हुसैन कोट के जंगलों में एक बड़ा एनकाउंटर हुआ। पुलिस और स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) को खुफिया खबर मिली थी कि कुछ आतंकी वहां छिपे हुए हैं। बस फिर क्या था, टीम ने जंगल में ऑपरेशन शुरू कर दिया। जैसे ही पुलिस वहां पहुंची, आतंकियों ने ग्रेनेड फेंक दिया और दोनों तरफ से जबरदस्त फायरिंग शुरू हो गई।

इसी बीच एक आतंकी जर्नूश नसीम ने खुद को बम से उड़ा लिया। धमाका इतना तेज था कि पूरा इलाका कांप उठा। बाक़ी तीन आतंकी – जिनमें जिब्रान नाम का एक शामिल था – वो भी गोलीबारी में मारे गए। इस मुठभेड़ में दो पुलिसवाले शहीद हो गए और डिप्टी एसपी अकमल शरीफ समेत आठ जवान जख्मी हो गए। बताया जा रहा है कि इन आतंकियों का कनेक्शन इस्लामाबाद की बदनाम लाल मस्जिद और अफगानिस्तान के नेटवर्क से भी हो सकता है।

2 पुलिसवालों की हुई मौत

इस हमले में कांस्टेबल तारिक और गुलफराज की जान चली गई, और डीएसपी अकमल शरीफ समेत आठ पुलिसवाले जख्मी हो गए. सबको फौरन रावलकोट के शेख जायेद हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां कुछ की हालत काफी नाज़ुक बताई जा रही है. वहां के लोगों का कहना है कि धमाके के बाद भी काफी देर तक गोलियों की आवाजें सुनाई देती रहीं.

हमले का अफगान कनेक्शन

एसएसपी पुंछ रियाज मुगल ने बताया कि जो आतंकी मारे गए हैं, वो सब तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) नाम के एक प्रतिबंधित संगठन से जुड़े थे। ये लोग अफगानिस्तान में बैठी डॉ. रऊफ एंड कंपनी से मदद ले रहे थे। इन पर सज्जाद रेशम की हत्या का भी आरोप है। पुलिस को पता चला है कि ये आतंकी ग्रुप आजाद कश्मीर से घुसपैठ करके यहां किसी पुलिस थाने या फौजी ठिकाने पर हमला करने की प्लानिंग कर रहा था।

इस्लामाबाद की बदनाम लाल मस्जिद से कनेक्शन 

मार्च में इस पूरे नेटवर्क से जुड़ी एक बड़ी बात सामने आई थी, जब एक आतंकी साकिब को आज़ाद पट्टन इलाके से पकड़ा गया। साकिब ने अपने वीडियो में खुद कबूल किया कि वो और उसके साथी मिलकर फौजी और आम लोगों के ठिकानों पर हमला करने की प्लानिंग कर रहे थे। इसके लिए उन्हें पैसे और हथियार भी मिले थे।

साकिब ने ये भी बताया कि उनका लिंक इस्लामाबाद की बदनाम लाल मस्जिद और मौलाना अब्दुल अज़ीज़ से था। इसी गिरोह में शामिल गाज़ी शहज़ाद नाम का एक और आतंकी पहले रावलकोट जेल से भाग चुका है।

जैसे ही मुठभेड़ और सुरक्षाबलों के ज़ख्मी होने की खबर फैली, वैसे ही आज़ाद कश्मीर के प्रधानमंत्री और पुलिस IG वहां पहुंचे और घायलों से मिले। पुलिस वालों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद पूरा इलाका छान मारा गया है, और जो आतंकी या उनके मददगार अभी छुपे हैं, उनकी तलाश चल रही है।

 

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