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PM मोदी के दौरे से सुधरेंगे संबंध! खालिस्तानियों पर कनाडा का कड़ा रुख...अब आगे क्या?

Pm Modi G-7 Summit Visit:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 जून 2025 को G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे। यह उनका 2015 के बाद पहला कनाडा दौरा था, जो 23 घंटे का रहा। इस दौरे ने भारत...
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Pm Modi G-7 Summit Visit:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 जून 2025 को G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे। यह उनका 2015 के बाद पहला कनाडा दौरा था, जो 23 घंटे का रहा। इस दौरे ने भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया। कनाडा की नई सरकार, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री मार्क कार्नी कर रहे हैं, ने खालिस्तानी गतिविधियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना है। यह स्वीकारोक्ति पीएम मोदी के दौरे के 24 घंटे बाद आई।

CSIS का खुलासा: खालिस्तानी गतिविधियों पर चेतावनी

कनाडा की शीर्ष खुफिया एजेंसी, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS), ने पहली बार सार्वजनिक रूप से खुलासा किया कि खालिस्तानी समूह कनाडा की धरती का उपयोग भारत के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजनाएं बनाने के लिए कर रहे हैं।

मालूम हो कि भारत लंबे समय से कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों पर चिंता जताता रहा है, दावा करता रहा है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने इन चिंताओं को नजरअंदाज किया था, लेकिन नई सरकार ने भारत के रुख की पुष्टि की है।

खालिस्तान और भारत की चिंताएं!

भारत ने बार-बार कहा है कि कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियां भारत विरोधी अभियानों का केंद्र बन गई हैं। 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट और उसके बाद भारत में हुई आतंकी घटनाओं के बाद से खालिस्तान आंदोलन भारत की प्रमुख चिंता रहा है। 2023 में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए थे, जिन्हें भारत ने सिरे से खारिज किया। ट्रूडो का खालिस्तान समर्थन उनकी राजनीतिक हार का कारण बना और उनकी सरकार सत्ता से बाहर हो गई। इसके बाद मार्क कार्नी ने कनाडा के प्रधानमंत्री का पद संभाला।

खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई

कनाडा ने खालिस्तानी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए 'प्रोजेक्ट पेलिकन' नामक अभियान चलाया। इस ऑपरेशन के तहत कनाडाई पुलिस ने एक बड़े ड्रग और आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जिसके तार खालिस्तान समर्थकों से जुड़े थे। यह नेटवर्क अमेरिका-कनाडा के बीच वाणिज्यिक ट्रकिंग मार्गों का उपयोग करता था और मैक्सिकन ड्रग कार्टेल व अमेरिकी वितरकों से जुड़ा था। पुलिस के अनुसार, ड्रग व्यापार से प्राप्त धन का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों, जैसे विरोध प्रदर्शन, जनमत संग्रह और हथियार खरीदने में किया जा रहा था।

कार्नी के नेतृत्व में संबंधों में सुधार

मार्क कार्नी के सत्ता में आने के बाद भारत-कनाडा संबंधों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। पीएम मोदी ने 10 साल बाद कनाडा का दौरा किया और कार्नी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने उच्चायुक्तों की नियुक्ति और रुकी हुई व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। साथ ही, तकनीक, डिजिटल परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

निज्जर मामले पर कार्नी का बयान

G7 शिखर सम्मेलन के दौरान मार्क कार्नी से निज्जर की हत्या के बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग तथा अंतरराष्ट्रीय दमन को संबोधित करने के महत्व पर जोर दिया। कार्नी ने यह भी कहा कि निज्जर हत्याकांड का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर सावधानी बरतने की जरूरत है।

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