IMF से लोन मिलते ही पाक ने बढ़ाया डिफेंस बजट, कहा– ‘हमारा पड़ोसी बहुत खतरनाक है’
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान की नींव हिला दी है। इस ऑपरेशन ने न सिर्फ पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को करारा जवाब दिया, बल्कि अब वहां की सरकार को अपनी रणनीतियों पर दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया है। पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने हाल ही में रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए भारत को “खतरनाक पड़ोसी” करार दिया है।
डर की सियासत: डिफेंस बजट बढ़ाने की वजह क्या है?
अहसान इकबाल ने कहा कि पाकिस्तान को बार-बार भारत से खतरे का सामना करना पड़ा है, जिसमें पुलवामा हमला और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी घटनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, "यह अब साबित हो चुका है कि हमारा पड़ोसी रात में भी हमला करने में हिचकिचाता नहीं है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी सेना को हर ज़रूरी संसाधन दें ताकि वो देश की हिफाज़त कर सके।"
IMF लोन के बाद क्यों बढ़ा रक्षा खर्च?
दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान ने हाल ही में IMF से लोन हासिल किया है, और ठीक उसी के बाद यह रक्षा बजट में इज़ाफा किया गया। यह कदम केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने की एक रणनीति भी मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब भी पाकिस्तानी सरकार को आंतरिक चुनौतियों का सामना होता है, वो बाहरी खतरे का हवाला देकर सेना को ताकत देती है।
बजट पेश करने की तारीख बदली, IMF की भूमिका पर सवाल
पहले 2 जून को बजट पेश किया जाना था, लेकिन अब इसे 10 जून तक टाल दिया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह देरी IMF के निर्देशों के कारण हुई है। हालांकि, मंत्री इकबाल ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह देरी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की विदेश यात्राओं और ईद की छुट्टियों के चलते हुई है।
विकास बजट की हालत पतली, प्राथमिकताएं बदलेंगी
पाकिस्तानी सरकार के पास इस बार विकास के लिए सिर्फ 1 ट्रिलियन रुपये हैं, जबकि ज़रूरत तीन गुना ज़्यादा है। ऐसे में इन्फ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक योजनाओं पर सीधा असर पड़ने वाला है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि अब केवल उन्हीं योजनाओं पर काम होगा जो “उच्च प्राथमिकता” में आती हैं।
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