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पाकिस्तान का आतंकी चेहरा फिर हुआ बेनकाब: शहबाज सरकार के मंत्री हाफिज सईद के बेटे के साथ नजर आए!

पाकिस्तान के मंत्री लश्कर आतंकियों हाफिज सईद के बेटे और सैफुल्ला कसूरी के साथ मंच पर नजर आए। क्या शहबाज सरकार खुलकर आतंक को समर्थन दे रही है?
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पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह आतंकवादियों से कितनी गहरी दोस्ती निभाती है। कसूर में 'यौम-ए-तकबीर' के मौके पर आयोजित एक रैली में पाकिस्तान के दो कैबिनेट मंत्रियों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ मंच साझा किया। इनमें हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद और पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्ला कसूरी भी शामिल थे। यह न सिर्फ पाकिस्तान की दोगली नीति का खुलासा है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या शहबाज सरकार वाकई आतंकवाद के खिलाफ है या फिर उसे बढ़ावा देने में लगी हुई है?

पाक के मंत्रियों ने आतंकियों को दिया गले लगाकर सम्मान

पाकिस्तान के खाद्य मंत्री मलिक रशीद अहमद खान और पंजाब विधानसभा अध्यक्ष मलिक मुहम्मद अहमद खान ने न सिर्फ आतंकवादियों के साथ मंच साझा किया, बल्कि उन्हें गले लगाकर सम्मानित भी किया। मलिक रशीद ने तो यहां तक कह दिया कि "हाफिज सईद और सैफुल्ला कसूरी पाकिस्तान की आवाज हैं।" उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के काम को 'देश की रक्षा' बताया और यहां तक कि ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकी मुदासिर के भाई को सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया। यह घटना पाकिस्तान की उस मानसिकता को उजागर करती है, जहां आतंकवादियों को हीरो बनाया जाता है और उन्हें सरकारी संरक्षण मिलता है।

पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्ला कसूरी मंच से क्या बोला?

सबसे चौंकाने वाला पल तब आया जब पहलगाम हमले का मुख्य आरोपी सैफुल्ला कसूरी मंच पर आया और उसने खुलेआम अपने अपराधों पर गर्व जताया। उसने कहा कि मुझे पहलगाम हमले का जिम्मेदार ठहराया गया और अब पूरी दुनिया मेरा नाम जानती है।" यह वही कसूरी है जिसे भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है और जिस पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। लेकिन पाकिस्तान में वह न सिर्फ खुलेआम घूम रहा है, बल्कि सरकारी मंत्रियों के साथ मंच साझा कर रहा है। क्या यह साबित नहीं करता कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ है?

खालिस्तान का समर्थन करने वाले आतंकी ने लगाए भारत विरोधी नारे

रैली में लश्कर-ए-तैयबा के सह-संस्थापक आमिर हमजा ने खालिस्तान का समर्थन करते हुए भारत विरोधी नारे लगाए। उसने कहा, "हम भारत के पंजाब को अलग करके रहेंगे।" यह बयान न सिर्फ उकसाने वाला है, बल्कि यह साफ करता है कि पाकिस्तान की ISI और लश्कर मिलकर भारत में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। आमिर हमजा जैसे आतंकवादियों का सरकारी मंचों पर आना यह साबित करता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने खोली पोल

इस रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे पाकिस्तानी मंत्री आतंकवादियों के साथ गले मिल रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जब कसूरी ने मंत्रियों का नाम लेकर उन्हें धन्यवाद देना शुरू किया, तो सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया को वीडियो बनाने से रोकने की कोशिश की। यह साफ संकेत है कि पाकिस्तान सरकार इन रिश्तों को छुपाना चाहती है, लेकिन अब उसका असली चेहरा दुनिया के सामने आ चुका है।

क्या अब भी पाकिस्तान को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय समर्थन?

यह घटना पाकिस्तान की उस दोगली नीति को उजागर करती है, जिसमें वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ बयानबाजी करता है, लेकिन असल में आतंकियों को संरक्षण देता है। अब सवाल यह है कि क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान पर कार्रवाई करेगा या फिर उसे एक बार फिर बचने का मौका देगा? भारत ने लगातार पाकिस्तान को आतंकवाद का अड्डा बताया है और यह घटना उसी का सबूत है। अब देखना यह है कि क्या UN और FATF जैसे संगठन पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे? एक बात तय है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा और पाकिस्तान की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देगा।

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