‘हम इस्लामिक, आप इस्लामिक…’, PAK ने भारतीय डेलिगशन के कार्यक्रम टालने का लगा दिया पूरा ज़ोर, मलेशिया डटा रहा!
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान एक बार फिर शर्मसार हुआ है। इस्लामिक एकता का राग अलापने वाले पाकिस्तान ने मलेशिया में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रमों को रद्द करवाने की गंदी चाल चली, लेकिन मलेशियाई सरकार ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। पाकिस्तानी दूतावास ने मलेशियाई अधिकारियों से कहा कि हम इस्लामिक देश हैं, आप इस्लामिक देश हैं... भारतीय प्रतिनिधिमंडल को मत सुनो! लेकिन मलेशिया ने इस हस्तक्षेप को सिरे से खारिज कर दिया और भारतीय सांसदों के सभी कार्यक्रम सुचारू रूप से आयोजित किए। यह पाकिस्तान के लिए बड़ी कूटनीतिक हार है, जो अब बार-बार धर्म के नाम पर दुनिया को बरगलाने की कोशिश करता है।
इस्लामिक कार्ड खेलकर पाक ने क्या चाल चली?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में, भारत के एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया समेत पांच एशियाई देशों का दौरा किया, जिसका उद्देश्य आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना था।
📍Day 13 | Kuala Lumpur, Malaysia 🇮🇳🤝🇲🇾
Our Indian All-Party Parliamentary Delegation held a constructive exchange with the Parliamentary Special Committee on International Relations and International Trade, chaired by Hon’ble MP YB Wong Chen, Chairman of the Committee, along… pic.twitter.com/u80q8agPZk
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) June 3, 2025
लेकिन पाकिस्तान ने इस दौरे को विफल करने के लिए मलेशियाई सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की। पाकिस्तानी दूतावास ने मलेशिया के अधिकारियों से कहा कि"भारत इस्लामिक देश नहीं है, उनके प्रतिनिधिमंडल को कोई मंच न दें।" लेकिन मलेशिया ने इस दखलंदाजी को स्पष्ट शब्दों में ठुकरा दिया और भारतीय सांसदों के सभी कार्यक्रमों को हरी झंडी दे दी।
मलेशिया ने दिया पाक के इस्लामिक राग को करारा ज़बाब
मलेशियाई सरकार ने पाकिस्तान के इस्लामिक कार्ड को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में 10 से अधिक बैठकें और संवाद कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल के नेता और जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा कि "पाकिस्तान ने जिस तरह धर्म के नाम पर राजनीति करने की कोशिश की, वह निंदनीय है। मलेशिया ने यह साबित कर दिया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।"
पाकिस्तान के झूठ का हुआ पर्दाफाश
इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी, जेडीयू और सीपीएम जैसी विभिन्न पार्टियों के सांसद शामिल थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है। प्रतिनिधिमंडल ने जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और ऑपरेशन सिंदूर के पीछे भारत के तर्कों को समझाया। इस दौरे का सबसे बड़ा संदेश यह रहा कि पाकिस्तान अब इस्लामिक देशों को भी नहीं बरगला सकता।
दुनियां में बढ़ता पाकिस्तान का अकेलापन
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से अलग-थलग हो रहा है। उसकी "इस्लामिक एकता" की दुहाई अब किसी को प्रभावित नहीं करती। मलेशिया जैसे मुस्लिम बहुल देश ने भी उसके प्रोपेगैंडा को खारिज कर दिया, जो पाकिस्तान की कूटनीतिक विफलता को दर्शाता है। भारत ने एक बार फिर साबित किया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में दुनिया का समर्थन हासिल है, जबकि पाकिस्तान अपनी ही रची गई जाल में फंसता जा रहा है।
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